New Delhi: कोरोना वायरस के कारण देश में लगे लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर के कई दूसरे देशों में हजारों भारतीय फंसे हुए है। जिन्हें भारत सरकार अब ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत वापस ला रही है। इस मिशन को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने एयर इंडिया एयरलाइंस और भारतीय नौसेना की मदद ली है। जहां एयर इंडिया ने अपनी फ्लाइट सेवा के जरिए खाड़ी देशों में हजारों भारतीयों की वतन वापसी की है।
वहीं इंडियन नेवी ने भी अपना पहला बड़ा अभियान पूरा कर लिया है। बता दें कि इंडियन नेवी ने अपनी INS जलाश्व में मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर रविवार सुबाह केरल के कोच्चि बंदरगाह पहुंचा। इसके साथ भारतीय नौसेना ने दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने का सबसे बड़ा अभियान पूरा कर दिया।
हाल ही में पोर्ट ट्रस्ट ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि “भारतीय नौसेना ने अपने INS जलाश्व मालदीव में फंसे 698 लोगों के एक ग्रुप को आज सुबह करीब 9:30 बजे कोच्ची के बंदरगाह पर पहुंचाया। इस ग्रुप में 595 पुरुष और 103 महिलाए शामिल है, इनमें से 14 बच्चे थे जिनकी उम्र 10 से कम थी, इसके अलावा इन लोगों में 19 प्रेग्नेंट लेडी भी थी। मालदीव से आने वाले ज्यादा तर लोग केरल और तामिल नाडु राज्य के थे, वहीं बाकी के लोग दूसरे कई राज्यों से थे। 698 भारतीय लोगों के साथ इंडियन नेवी ने इस सफर की शुरुआत शुक्रवार रात को माले से की थी।” अपने बयान में उन्होंने ये भी कहा कि नौसेना की जहाज बीटीपी जेट्टी पर रुकी और समुद्रिका क्रूज टर्मिनल पर यात्रियों को उतारने का प्रोसेस चलता रहा है।
राज्य के इंस्पेक्टर जरनल ऑफ पुलिस विजय सखाते ने बताया कि दूसरे देशों से लाए गए भारतीय नागकरिकों को सुरक्षित जगहों पर रखने के लिए सभी इतेंजाम कर लिए गए है। मालदीव से आए लोगों में से 440 लोग केरल के है और बाकी लोग दूसरे राज्यों से है।