अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आज भव्य और ऐतिहासिक तरीके से संपन्न हुआ। इस समारोह में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य लोगों ने भी इस समारोह में भागीदारी की।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ। प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी और अन्य गणमान्य लोगों ने सबसे पहले रामलला की मूर्ति का अभिषेक किया। इसके बाद यज्ञ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए।
प्राण प्रतिष्ठा का विशिष्ट मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के श्रीविग्रह को गर्भगृह में स्थापित किया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। सभी ने भगवान राम की जयघोष करते हुए उनका स्वागत किया।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद आज से राम मंदिर आमजन के लिए खुल जाएगा। श्रद्धालु सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 100 रुपये का शुल्क देना होगा।
सोने-चांदी से सजी रामलला की मूर्ति पहली बार देखी गई
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद रामलला की मूर्ति पहली बार आम लोगों के लिए दिखाई गई। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया था। मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच है। मूर्ति में भगवान राम को पांच वर्ष की आयु में दर्शाया गया है। उनके हाथ में धनुष है और उनके चेहरे पर बालक जैसी मासूमियत है।
मूर्ति को बनाने में करीब 10 साल का समय लगा है। मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। मूर्ति को बनाने में पांच धातुओं का इस्तेमाल किया गया है। इनमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और लोहा शामिल हैं।
श्री राम, जय राम, जय-जय राम! pic.twitter.com/j3tXMBm4cF
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 22, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने किया संबोधन
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
मोदी ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने भी किया संबोधन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से देश में एक नई उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर सभी धर्मों के लोगों के बीच प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देगा।
श्रद्धालुओं में खुशी की लहर
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने भगवान राम को प्रणाम किया और उनसे आशीर्वाद मांगा।
श्रद्धालुओं का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उनके लिए एक सपना साकार होने जैसा है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें रामलला के दर्शन करने के लिए लंबी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन प्रभु श्रीराम अपने भक्तों के बीच विराजमान हो गए हैं।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियों के बीच, रामलला की पहली तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में रामलला को पांच वर्षीय बालक के रूप में दर्शाया गया है। उनके हाथ में धनुष है और उनके चेहरे पर बालक जैसी मासूमियत है।
रामलला की यह तस्वीर मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। यह मूर्ति पांच धातुओं से बनी है, जिनमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और लोहा शामिल हैं। मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच है।
रामलला की तस्वीर को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया है। उनकी अलौकिक छवि ने सभी का मन मोह लिया है। रामलला की यह तस्वीर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह तस्वीर भगवान राम के भक्तों के लिए एक अमूल्य उपहार है।
रामलला की तस्वीर में उनके बाल काले और लम्बे हैं। उनके चेहरे पर एक मधुर मुस्कान है। उनके हाथ में धनुष है, जो उनकी शक्ति और वीरता का प्रतीक है। रामलला की तस्वीर देखने से ऐसा लगता है कि वे अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हैं।
रामलला की तस्वीर के सामने आने के बाद, हिंदू धर्म के अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सभी लोग रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।