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5 महीने पहले कुवैत गए भारतीय कामगार की हुई मौ’त, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, अब स्वदेश लौटा पार्थिव शरीर

कुवैत: भारत के कामगार यूं तो पूरी दुनिया में रोजी-रोटी की खातिर मेहनत मजदूरी कर रहे हैं। लेकिन खाड़ी देशों में भारत के लाखों की संख्या में मजदूर हैं। विदेश कमाने जाने वाली कई भारतीय नागरिकों के साथ दु’र्घटनाएं भी हो जाती हैं और कई लोग काल के गाल में समा जाते हैं।

ऐसे में झारखंड के काँके से 5 महीने पहले कुवैत रोजगार की तलाश में गए एक कामगार की बीते 5 दिसंबर की शाम हार्ट अटैक से मौ’त हो गई है। युवक की मौ’त की जानकारी पाकर परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

पिता ने बेटे के पार्थिव शरीर को लाने के लिए इनसे लगाई थी मदद की गुहार

आपको बताते चलें कि कुवैत में हृदय गति रुकने से काल के गाल में समाने वाले अकरम की बहन का आगामी 16 दिसंबर को निकाह है।

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परिजनों ने बेटे की मौ’त के बाद उसका पार्थिव शरीर घर लाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के का के प्रखंड अध्यक्ष जावेद अख्तर अंसारी और चंदवे के कुछ संपन्न लोगों से मदद की गुहार लगाई।

कुवैत से गांव पहुंचा पार्थिव शरीर मची चीख-पुकार

मृत’क के पिता फारूक अंसारी द्वारा मदद मांगने पर जावेद अख्तर अंसारी‌ ने श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के नाम पर एक प्रार्थना पत्र लिखकर उनसे मुलाकात की और उनके अथक प्रयासों से 5 दिन बाद शुक्रवार की शाम तकरीबन 6:00 बजे मृत’क का पार्थिव शरीर कुवैत से उसके गांव लाया जा सका।

मृत’क युवक का पार्थिव शरीर गांव आने के बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई। इसके बाद परिजनों ने गांव के कब्रि’स्ता’न में युवक के पार्थिव शरीर को रीति रिवाज के साथ दफना दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि पिथोरिया थाना अंतर्गत आने वाले चंदवे के रहने वाले अकरम अंसारी कुवैत में लिफ्ट में काम करते थे।

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