तेल पर निर्भर अबू धाबी में 85 साल पहले तेल तलाशने का पहला प्रयास किया गया था। वहीं सालों के शोध के बाद 1958 में अबू धाबी ने अपना पहला तेल का भंडार मिला। वहीं इस तेल के इस खोज ने मोती उद्योग पर आधारित अमीरात की अर्थव्यवस्था को तेल से संचालित में बदल दिया।
वहीं आज अबू धाबी मीडिया कार्यालय की सरकार ने एक सीपिया-टोंड वीडियो साझा किया है जो तेल की खोज के लिए पूंजी के प्रयासों और उसके बाद अर्थव्यवस्था की वृद्धि को दर्शाता है। वहीं इसमें दिवंगत शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के प्रयासों और बुद्धिशीलता के लिए कई अधिकारियों की बैठक की सुविधा है।
मीडिया कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि अबू धाबी को एक अग्रणी वैश्विक शहर में बदलने के लिए हमारे संस्थापक पिता के सपने को प्रतिबिंबित किया गया। “63 साल पर, हमें अबू धाबी की उन्नत अर्थव्यवस्था, तकनीकी बुनियादी ढांचे और असाधारण देयता पर गर्व है। वहीं इस वीडियो में कहा गया है कि यह तेल संपत्ति “समुदाय का समर्थन करने और अमीरात के बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए जारी रहा है इसी के साथ इस खोज ने अबू धाबी को “आज के दौर में समृद्ध बनाया दुनिया में रहने, काम करने और निवेश करने के सर्वोत्तम स्थानों में से एक है।
رسمت أولى محاولات التنقيب عن النفط في إمارة أبوظبي قبل 85 عاماً، أحلام وطموح الآباء نحو تحويل #أبوظبي إلى أحد أهم المدن في العالم. وها نحن اليوم وبعد 63 عاماً من اكتشاف النفط، نفتخر بما تمتلكه الإمارة من مقومات اقتصادية وتكنولوجية ومعيشية جعلتها واحدة من أفضل مدن العالم. pic.twitter.com/dnBDeNYlIY
— مكتب أبوظبي الإعلامي (@admediaoffice) January 11, 2021
आपको बता दें, ज्यादातर खाड़ी देश तेल के भंडार पर निर्भर है वहीं इस तेल के कारण ही उनका देश चलता है और इस वजह से उनके देश की अर्थव्यवस्था बनी हुई है वहीं एक ये भी वजह से है कि खाड़ी देशों में पानी की कीमत ज्यादा जबकि और देशों के अलावा यहां पर तेल की कीमत भुत ही कम है। इसी के साथ कई देश यहां से तेल मंगवाते हैं और खाड़ी देश देश विदेशों में तेल की कमी को पूरा करते हैं।