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सऊदी अरब सरकार के इस फैसले से हो सकता है लाखों भारतीय कामगारों को नुकसान

New Delhi: कोरोना वायरस नाम की इस ग्लोबल महामारी ने इन दिनों दुनिया भर के कई विकसित देशों की कमर तोड़ रखी है। वायरस के फैलाव के रोकने के लिए कई देशों ने अपने यहां लॉकडाउन लगा दिया है। जिसकी वजह से उस देश की अर्थव्यवस्था काफी बिगड़ गई है।

ऐसे में ही देशों कि लिस्ट सऊदी अरब भी शामिल है। सऊदी अरब दुनिया के सबसे अमीर देशों में एक है। लेकिन कोरोना वायरस की वजह अब उसकी भी अर्थव्यवस्था काफी बिगड़ गई है। ऐसे में अब वहां की सरकार कुछ ऐसे फैसले ले रही है जिसकी वजह से वहां पर रह रहे भारतीय लोगों की जिंदगी मुश्किल हो जाएगी। बता दें कि सऊदी अरब अब अपने यहां की प्राइवेट कंपनियों के कामगारों की सैलेरी में से 40% तक कटौती करने की इजाजत देने जा रहा है।

सऊदी अरब सरकार के इस फैसले से हो सकता है लाखों भारतीय कामगारों को नुकसान

हाल ही में सऊदी के फेमस न्यूजपेपर अशराक अल अवसात में छपी खबर के अनुसार, देश के आर्थिक संकट को देखते हुए सऊदी अरब की प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे सभी लोगों के जॉब कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सऊदी में 26 लाख भारतीय नागरिक रहते है। अगर सऊदी में ऐसा कुछ होता हैं तो इस फैसले से उन सभी भारतीयों पर इसका काफी बुरा असर पड़ेगा। न्यूजपेपर के मुताबिक सऊदी अरब की ह्यूमन रिसोर्स और सिविल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने लेबर कानून के नियमों में चेंज के लिए अपनी मंजूदी दे चुकी है। इसके तहत कंपनिया अगले 6 महीने तक अपने इम्प्लोईस की सैलेरी में 40% तक की कटौती कर सकती है।

इसके अलावा इस बदलाव के बाद कंपनिया के पास 6 महीने के बाद इम्प्लोइ के साथ साइन किए कॉन्ट्रेक्ट को खत्म करने की भी पावर होगी। हालांकि कॉन्ट्रेक्ट को खत्म करने के लिए तीन बड़े रिजन होने चाहिए। इसके अलावा कंपनियों को वो सभी सरकारी सब्सिडी जैसे लेबर के वतन भत्ते में मदद या सरकारी सभी टैक्स से छूट मिलनी जारी रहेगी।