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मोदी सरकार की प्लानिंग: खाड़ी देशों के साथ अब यूरोप और अमेरिका में फंसे भारतीयों की भी होगी वतन वापसी

New Delhi: कोरोना वायरस के कारण दुनिया के लगभग हर देश में लगे लॉकडाउन की वजह से लाखों की गिनती में कई भारतीयों दूसरे देशों में फंस गए है। ये सभी भारतीय अपने देश वापस आना चाहते हैं, लेकिन भारत में लॉकडाउन की वजह से आ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में अब खुद मोदी सरकार अपने नागरिकों वापस लाने के प्लान तैयार कर लिया है।

भारत सरकार ने हाल ही में कहा हैं कि सबसे पहले खाड़ी देशों में फंसे भारतीय प्रवासियों को लाया जाएगा। लेकिन इसी बीच न्यूज 18 के एक सूत्र के अनुसार एक जानकारी मिली हैं कि सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने अब यूरोप और अमेरिका में फंसे भारतीय नागरिको को भी वापस लाने के लिए इजाजत दे दी है। भारत सरकार अपना ये अभियान 7 मई से शुरू करेगी, जिसके पहले चरण में खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा।

मोदी सरकार की प्लानिंग: खाड़ी देशों के साथ अब यूरोप और अमेरिका में फंसे भारतीयों की भी होगी वतन वापसी

खबरों के अनुसार सरकार की पहली प्रायोर्टी खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को निकालना हैं, जिसके बाद सरकार सिंगापुर, सैन फ्रांसिस्को, लंदन, कुआलालम्पुर और वाशिंगटन और शिकागो में फंसे भारत के नागिरकों को वतन वापस लाने के लिए यौजना की तैयरी की जाएगी। इस मिशन में सरकार एयर इंडिया के साथ इंडियन नेवी और कुछ प्राइवेट एयरलाइंस की भी मदद लेगी। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के सूत्र ने ये भी जानकारी दी कि खाड़ी देशों से आने वाली फ्लाइट्स केरल की राजधानी कोच्चि और कोझिकोड के एयरपोर्ट लैंड करेगी। इसका सबसे बड़ा कारण ये हैं कि केरल के ज्यादातर लोग खाड़ी देशों में काम करते है।

वहीं ब्रिटेन और अमेरिका से आने वाली फ्लाइट को दिल्ली, हैदराबाद,बेंगलुरु और मुंबई के एयरपोर्ट पर लैंड किया जाएगा। जैसा की सभी को पता हैं कि भारत सरकार विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की तैयारियों में जुटे पड़े है।सरकार की ये योजना 7 मई से लेकर 13 मई तक चलेगी। इस दौरान सरकार 64 फ्लाइटेस के साथ 14, 800 भारतीय नागरिकों वासप लाएगी। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है भारत आने वाले सभी नागरिकों खुद का हवाई किराया देना होगा।