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दुबई: 5 महीने से बिस्तर पर जिंदगी गुजार रहा था प्रवासी, अस्प’ताल ने माफ किया 16 लाख DH बिल, अब हुई वतन वापसी

कोरोना वायरस की वजह से कई भारतीय कामगार खाड़ी देशों से नौकरी छूट जाने के बाद वापस स्वदेश लौट रहे हैं। वहीं इस बीच अस्पताल के बिस्तर में पड़ा एक शख्स भी वापस अपने वतन भारत लौटा है।

दरअसल,  दुबई में रहने वाला एक शख्स 5 महीने पहले आए स्ट्रो’क के कारण अस्पताल में भर्ती हो गया था और वो अस्पताल के ही बिस्तर पर जिंदगी गुजार रहा था, हालांकि इस भारतीय प्रवासी को स्वदेश वापस भेजने के लिए भारतीय दूतावास मदद के लिए आगे आया और भारतीय दूतावास के सहयोग से अस्पताल के बिस्तर में पड़ा शख्स वापस अपने वतन भारत लौटा है।

दुबई: 5 महीने से बिस्तर पर जिंदगी गुजार रहा था प्रवासी, अस्प'ताल ने माफ किया 16 लाख DH बिल, अब हुई वतन वापसी

इस प्रवासी को भारत भेजने में मदद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण कुमार ने कहा, 60 साल के रामचंद्रन कोटककुन्नू ने जब दुबई से उड़ान भरी तब वे व्हीलचेयर पर थे। रामचंद्रन 30 साल से ज्यादा समय तक यूएई में रहे और वहां उन्होंने एक सफल बिजनेस चलाया लेकिन फिर बिजनेस में हुए नुकसान में उन्होंने सब कुछ खो दिया। वहीं व्यवसाय खत्म होने के बाद उन्होंने नैफ जिले के धीरा में एक दुकान में ढाई हजार दिरहम की सैलरी पर नौकरी कर ली क्योंकि उनकी पत्नी और बेटी दोनों बी’मार हैं।

गल्फ न्यूज़ के मुताबिक, कुमार की पत्नी को कैं’सर है और उनकी बेटी को दिल की बीमारी है। उन्हीं की वजह से वह अभी भी संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे, ताकि वे उनके अस्पताल के बिल भर सकें। फिर उन्हें स्ट्रो’क आ गया। वे 5 महीने तक अस्पताल में रहे, जहां उनका बिल 16 लाख दिरहम तक पहुंच गया। लेकिन अस्पताल ने दयालुता दिखाते हुए उन्हें छोड़ दिया और उनका बिल भी माफ़ कर दिया।

वहीं इसी के साथ वाणिज्य दूतावास ने उनकी मदद करी और उन्हें भारत आने के लिए फ्लाइट का टिकट और एक व्हीलचेयर दी और फिर वापस अपने स्वदेश लौटे हैं। भारत के वाणिज्य दूतावास और मिशन की चिकित्सा टीम के स्वयंसेवकों के हस्तक्षेप के चलते आखिरकार रामचंद्रन को केरल के कासरगोड जिले में उनके गृहनगर में वापस लाया गया। वह अब कर्नाटक के मैंगलोर के एक बड़े अस्पताल में भर्ती हैं।