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UAE को F-35 फाइटर प्लेन को बेचने के मामले पर आया डोनाल्ड ट्रंप का बयान, कही ये बड़ी बात

अमेरिका संयुक्त अरब अमीरात को एफ -35 लड़ाकू जेट को बेचने जा रहा है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात को एफ -35 लड़ाकू जेट मिलने के इसकी ताकत में इजाफा होगा। लेकिन इस बीच खबर है कि इज़राइल से इससे आपत्ति हो सकती है, हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि उन्हें निकट सहयोगी इज़राइल के आपत्तियों के बावजूद, संयुक्त अरब अमीरात के लिए उन्नत एफ -35 युद्धक विमानों को बेचने में कोई समस्या नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि मित्र इजराइल के आपत्ति के बाद भी वह ऐसा कर सकते हैं। फॉक्स न्यूज से डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई परेशानी नहीं है। उन्हें F-35 बेचने में मुझे कोई परेशानी नहीं है।

बता दें, डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार को यूएई और इजराइल के बीच शांति समझौते पर भी हस्ताक्षर करेंगे। वहीं एक अलग ऑनलाइन ब्रीफिंग में यूएई के विदेश मामलों के राज्य मंत्री डा अनवर गर्गश ने कहा कि F-16s जो संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना की आधारशिला हैं, अब लगभग दो दशक पुराने हैं और इन्हें नवीनीकृत करने का समय है।

वहीं डॉ गर्गश ने ये भी कहा कि संयुक्त अरब अमीरात किसी भी अन्य देश की तरह है जो अपनी देश की सुरक्षा का ध्यान रखेगा। ऐसे में अपने बचाव को आधुनिक बनाने के लिए एफ -35 और अन्य प्रणालियों के लिए हमारा अनुरोध इस समझौते से पहले का है।

जानकारों का कहना है कि ट्रंप सरकार के कहने पर इजराइल के साथ शांति समझौते के लिए यूएई ने F-35 विमानों को सौदे के रूप में उपयोग किया है। वहीं इस समझौते में बहरीन भी शामिल है। उस दौरान डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्तता के बाद ही इन दोनों देशों ने इजराइल के साथ शांति समझौते के लिए सहमति जताई थी। वहीं शांति समझौते को लेकर किए गए प्रयासों की वजह से डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नोमिनेट भी किया गया है।