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इजरायल के खिलाफ खुलकर सामने आया मुस्लिम देशों का संगठन OIC, दिया ये बड़ा बयान

हाल ही में इजरायल और फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच हिंसक झड़प की खबर समाने आई थी और अब ये झड़प बढती ही जा रही है। वहीं इस बीच इस झड़प को लेकर इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देशों का संगठन OIC खुलकर सामने आए हैं।

जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह शुक्रवार की रात यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में फिलीस्तीनी और और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई थी। वहीं  अब ये झड़पें इजरायल और हमास के बीच हवाई और रॉकेट हमलों में तब्दील हो चुकी हैं। वहीं अब ता इस झडप में कई लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही कई लोग घायल हो गये हैं। वहीं फिलिस्तीन के समर्थन में सारे इस्लामिक देश एकजुट हो गए हैं।

57 सदस्यीय इस्लामिक देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन’ (OIC) ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई की निंदा करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है। पाकिस्तान ने अपने प्रस्ताव में इजरायली कार्रवाई को लेकर संयुक्त रूप से बयान जारी करने की मांग की गई थी। ओआईसी में पाकिस्तान के प्रस्ताव का एकमत से समर्थन किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क में हुई बैठक में तुर्की और सऊदी अरब के राजदूतों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, ताकि महासभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया जा सके। इस्लामिक सहयोग संगठन के राजदूतों ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में इस मुद्दे को उठाने के लिए सदस्य देशों का एक गुट तैयार किया है। पाकिस्तान भी इस समूह का एक प्रमुख सदस्य है।  वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने मंगलवार को जारी एक अलग बयान में कहा कि वह फिलिस्तीनी क्षेत्र में हिंसा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल के सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प और फिर हवाई हमले के बाद शांति बहाली की अपील की थी।  वहीं इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राजदूतों ने इजरायल की आक्रामकता पर नाराजगी जाहिर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में यह जरूरी बैठक की और पूर्वी यरुशलम में फिलीस्तीनियों के खिलाफ इजरायली बलों की ओर से ‘क्रूरतापूर्ण तरीके से बल प्रयोग’ की निंदा करी है।

इजरायल के खिलाफ खुलकर सामने आया मुस्लिम देशों का संगठन OIC, दिया ये बड़ा बयान

 

इसी के साथ इस बैठक के बाद जारी एक बयान में ओआईसी के राजदूतों ने कहा कि रमजान में पूर्वी यरुशलम में शेख जर्राह और गाजा में फिलिस्तीनियों पर इजरायल के हमले सभी मानवीय मानदंडों और मानवाधिकार कानूनों के खिलाफ थे। इस्लामिक देशों के राजदूतों ने विश्व समुदाय से शेख जर्राह के निवासियों को बेदखल करने के इजरायल के प्रयासों को तुरंत रोकने का आग्रह किया, जो दशकों से वहां रह रहे हैं।

इसी के साथ पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में ऐतिहासिक और कानूनी स्थिति को लेकर इजरायली उल्लंघन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का सुझाव दिया। पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि 1967 की सीमा के तहत फिलिस्तीन एक स्वतंत्र मुल्क बने और इसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो। 1967 में इजरायल ने पूर्वी यरुशलम को अपने नियंत्रण में ले लिया था।  वहीं सऊदी अरब, तुर्की, ईरान, पाकिस्तान, कुवैत और खाड़ी के कई देशों ने इजरायली हमले की पुरजोर निंदा की है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने यरुशलम से फिलीस्तीनी परिवारों के निकालने की इजरायल की योजना को खारिज किया है।

वहीं सऊदी अरब ने भी इजरायल की निंदा की है। सऊदी के विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि इजरालय ने अल-अक्सा मस्जिद की पवित्रता और नमाजियों पर हमला किया है और इस टकराव के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया जाए  और फौरन इसे रोका जाये। इस टकराव में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हो रहा है।

इसी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रमजान के महीने में फिलिस्तिनियों पर हमले की कड़ी निंदा की है। इमरान खान ने ट्वीट किया, मानवता और कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अल-अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनियों पर रमजान के दौरान इजरायली बलों के हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हम फिलिस्तीनी लोगों के प्रति अपने समर्थन को फिर दोहराते हैं। फिलिस्तीनियों और उनके वैध अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका के प्रसिद्ध चिंतक और जनसंचार मामलों के विश्लेषक नॉम चॉमस्की की फोटो शेयर की है। इस फोटो में नॉम चॉमस्की का कोट लिखा है, ‘तुम मेरा पानी ले लो, तुम मेरे जैतून के पेड़ जला दो, तुम मेरा घर बर्बाद कर दो, मेरी नौकरी छीन लो, मेरी जमीन लूट लो, मेरे बाप को हवालात में डाल दो, मेरे मुल्क पर बम बरसाओ, हमें भूखे मारो, हमें अपमानित करो, लेकिन इन सब के खिलाफ रॉकेट दागने के लिए हमें ही दोषी बताओ।’

इजरायल के खिलाफ खुलकर सामने आया मुस्लिम देशों का संगठन OIC, दिया ये बड़ा बयान

वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हन्नीह से फोन पर बात की। रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने अल-अक्सा मस्जिद के पास हिंसक झड़प और फिलिस्तीनियों के अधिकारों को लेकर कई इस्लामिक देशों के प्रमुखों से फोन पर बात की। एर्दोगन ने मलेशिया, जॉर्डन, कुवैत के राष्ट्र प्रमुखों और हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख से इजरायली हमले को लेकर बात की है।

इसी के साथ तुर्की की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायली हमला आतंकी कार्रवाई है। यरुशलम में फिलिस्तीनियों के साथ हालिया पुलिस संघर्ष का उल्लेख करते हुए एर्दोगान पहले भी इजरायल को “क्रूर आतंकवादी देश” करार दे चुके हैं। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि जो देश इजरायली अत्याचार के खिलाफ चुप हैं वो भी अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन कर रहे हैं। मैं पूरी दुनिया और विशेष रूप से इस्लामिक दुनिया से अपील करता हूं कि वे इजरायली हमले खिलाफ एकजुट हो जाएं।