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दुबई: क्रेन की जंजीर टूटने से हुआ हा’दसा; भारतीय कामगार की हुई मौ’त, अब सात दिन बाद भारत वापस आया श’व

हाल ही में दुबई में एक प्रवासी भारतीय कामगार की मौ’त हो गयी थी। वहीं अब इस प्रवासी कामगार की मौ’त के सात दिन बाद उसका श’व भारत लौटा है और उसके श’व के साथ 10 हज़ार रूपये भी आए हैं।

दुबई में पैसा कमाने गया कल्यानपुर थाने के जैतीखेड़ा गांव निवासी संतोष पासवान का 24 वर्षीय पुत्र हेमराज (श्रमिक) काम की तलाश में छह नवंबर को दुबई गए थे। वहीं ये श्रमिक समुद्र से पत्थर निकालते समय हा’द’से का शि’का’र हो गया और इस हा’द’से में उसकी मौ’त हो गयी।

वहीं अब सात दिन बाद एयरपोर्ट से श्र’मि’क का श’व एं’बुलेंस से घर पहुंचा तो घर वाले फू’ट फू’टकर रोए। हेमराज श्रमिक का शव दुबई से एयरपोर्ट और फिर घर एक बंद ताबूत में आया। वहीं इस बंद ताबूत के अंदर से दस हजार रुपये भी निकले। वहीं पुलिस की मौजूदगी में श’व का अंतिम संस्कार किया।

दुबई: क्रेन की जंजीर टूटने से हुआ हा'दसा; भारतीय कामगार की हुई मौ'त, अब सात दिन बाद भारत वापस आया श'व

हेमराज श्रमिक आबूधाबी खलीफापुर की मेड़ालिस्ट मैन पॉवर कंपनी के माध्यम से एमएनडीसी कंपनी में समुद्र से पत्थर निकालने का काम मिला था। 17 फरवरी को समुद्र में काम करने के दौरान क्रेन से पत्थर बांध उसे खींचने का काम चल रहा था। इस दौरान क्रेन की जंजीर टू’ट कर श्रमिक हेमराज के ऊपर गिर गई। इससे उसकी मौ’त हो गई। श्रमिक के साथ काम कर रहा उसका दोस्त अस्ती निवासी आशीष हवाई जहाज से शव लेकर बुधवार को गांव पहुंचा।

वहीं श्रमिक के दोस्त आशीष ने बताया कि पत्थर निकालने के दौरान हादसे में मौ’त हुई है। कंपनी के अधिकारियों से श्रमिक के स्वजन से बात कराई। अधिकारियों ने स्वजन को आश्वस्त किया कि श्रमिक के काम का शेष भुगतान अगले महीने तक कर देंगे।

हेमराज श्रमिक पांच भाइयों विनोद, ननकू, सुनील व सोमनाथ में से  सबसे छोटे थे। दो बहने हैं। भाई विनोद व ननकू अलग रहते है। मां शिवकली व पिता सहित पूरा परिवार एक साथ रहता है। सभी खेतिहर मजदूर हैं। वहीं लॉकडाउन के दौरान पिता से जिद कर हेमराज दुबई चले गए थे।