कुवैत से एक बड़ी खबर सामने आई है खबर है कि कुवैती सरकार ने गिर गयी है। दरअसल, कुवैती कैबिनेट ने प्रधानमंत्री शेख सबा अल-खालिद अल-सबा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
जानकारी के अनुसार, कुवैत में 14 दिसंबर को सरकार बनने के एक महीने बाद ही सभी विधायकों ने प्रस्ताव पेश करने के कुछ ही दिनों बाद कैबिनेट ने रिजाइन दे दिया है। वहीं सभी विधायकों ने मंगलवार के दिन अपना इस्तीफा दिया है।
इस महीने की शुरुआत में संसद में इस कदम के बाद उम्मीद की गई थी कि नए अमीर के लिए पहली राजनीतिक चुनौती होगी, क्योंकि देश दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। लेकिन अब सरकार बनाए के बाद एक महीने बाद ही सभी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया वहीं प्रधानमंत्री को 19 जनवरी को एक संसदीय सत्र में पूछताछ के कारण रखा गया था। शेख सबा ने ओपेक के सदस्य राज्य के शासक, अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबा के इस्तीफे को मंजूरी के लिए पेश करना चाहिए।
استقبل سمو الشيخ صباح خالد الحمد الصباح رئيس مجلس الوزراء في قصر السيف اليوم معالي نائب رئيس مجلس الوزراء ووزير الدفاع الشيخ حمد جابر العلي الصباح وأصحاب المعالي الوزراء حيث رفع لسموه استقالة كل من أعضاء الحكومة واضعين اياها تحت تصرف سموه#CGCKuwait pic.twitter.com/80sk8iM1wF
— مركز التواصل الحكومي (@CGCKuwait) January 12, 2021
इसी के साथ कुवैत के सरकारी संचार कार्यालय (CGC) ने कहा कि सरकार ने अपना इस्तीफा “नेशनल असेंबली और सरकार के बीच संबंधों में विकास के मद्देनजर, और राष्ट्रीय हित क्या वारंट हो सकता है” पेश किया, लेकिन विस्तृत नहीं किया है। वहीं कुवैत में खाड़ी क्षेत्र में सबसे अधिक खुली राजनीतिक व्यवस्था है, जिसमें कानून और प्रश्न मंत्रियों को पारित करने की संसद की शक्ति है, हालांकि सत्तारूढ़ परिवार के सदस्यों द्वारा वरिष्ठ पदों पर कब्जा कर लिया जाता है। कैबिनेट और संसद के बीच लगातार सरकार के फेरबदल और संसद के विघटन, निवेश और आर्थिक और वित्तीय सुधार में बाधा उत्पन्न की है।
आपको बता दें, कुवैत में हाल ही में कोरोना कहर के बीच चुनाव हुए थे जिसके बाद वजह से 14 दिसंबर को ही यहां पर सरकार का गठन हुआ था. वहीं इस कोरोना वायरस की वजह से यहां की अर्थव्यस्था बिगड़ गयी है जिसे जल्द ही पटरी पर लाना होगा लेकिन इसी बीच कुवैती सरकार गिर गयी है.