जिस तरह अपने देश में हजारों और लाखों की संख्या में विदेशी लोग पैसा कमाने के लिए रहते हैं। ठीक उसी तरह भारतीय नागरिक भी विदेश में रहते हैं। खास तौर पर यूएई, कुवैत समेत कई अरब देशों में बड़ी तदाद में भारतीय प्रवासी रह रहे हैं इसमें से ज्यादा भारतीय नागरिक हर वर्ष अपने देश यानी कि भारत पैसा भेजते हैं।
अब सरकार ने रेमिटेंस के नियमों में बदलाव किया है। रेमिटेंस यानी कि जो विदेशों से भारत में पैसा भेजते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अनुदान (विनियमन) अभी नियम (FCRA) से जुड़े हुए कुछ रूल्स बदले हैं। ऐसे में आर्टिकल के जरिए आप आगे जाने की किस तरह रेमिटेंस भेजने वाले के लिए अच्छा साबित होने वाला है।
कितने लाख रुपए तक भेज सकेंगे भारत?
जिन रेमिटेंस के नियमों में बदलाव किया गए हैं उसके मुताबिक भारतीय नागरिक संबंधित अधिकारियों को बगैर सूचना दिए विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से 1 साल में 1000000 रुपए तक प्राप्त कर सकते हैं। इस पर कोई रोक नहीं होगी।
आपको बताते चलें कि इसके पहले यह अनुमति केवल 1 लाख रुपए तक की थी। इसे अब 10 गुना किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक अधिसूचना में इस बात की जानकारी देते हुए कहा गया है कि अगर पैसा ज्यादा होगा तो लोगों के पास सरकार को सूचना देने के लिए 90 दिन का समय होगा। अब तक यह समय अवधि 30 दिनों के लिए थी। विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2022 को गृह मंत्रालय ने अधिसूचना के जरिए घोषित किया।
जान लीजिए इन शब्दों के स्थान पर लिखे जाएंगे ये शब्द
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी सरकारी अधिसूचना के मुताबिक विदेशी अंशदान (विनियमन) नियम, 2011 के नियम (Rules) 1 लाख रुपए शब्दों की जगह पर अब दस लाख रुपए शब्द लिखे जाएंगे इसके साथ 30 दिन शब्दों की जगह पर 3 माह तक अंकित किए जाएंगे। इसके साथ ही आपको बता दें कि नियम -6 विदेश में रिश्तेदारों से धन मंगाने की सूचना से जुड़ा हुआ है।
दरअसल, पहले के रूस के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने किसी रिश्तेदार से एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपए या फिर उसके बराबर विदेशी योगदान मिलने पर 30 दिनों के अंदर केंद्र सरकार को सूचित करता था।
ऐसे में अलग नियम 9 में बड़ा परिवर्तन करते हुए जो रुपए प्राप्त करने के लिए एफसीआरए के अंतर्गत पंजीकरण या पूर्व अनुमति लेने से संबंधित है। अब इस संशोधित नए नियम ने बीपी संगठन और गैर सरकारी संगठन को बैंक के खाते से संबंधित जानकारी गृह मंत्रालय को देने के लिए 45 दिन का समय दिया है। पहले यह समय 30 दिनों का ही था।