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दुबई में कभी टैक्सी चलाता था ये भारतीय कामगार, अब 40 करोड़ रुपए जीतकर ऐसे बदली अपनी किस्मत

भारतीय से हर साल बड़ी तदाद में कामगार बेहतर अवसर और पैसे कमाने के लिए यूएई जाते हैं। कभी कभी इन लोगों में कुछ ऐसे भाग्यशाली लोग होते हैं, जिनकी किस्मत मेहरबान रहती है। ऐसे ही टैक्सी ड्राइवर रंजीत सोमराजन और उनके दोस्त हैं, उनकी किस्मत सोने के शहर में छप्पड़ फाड़कर बदल गई।

अबू धाबी बिग टिकट ड्रॉ के इनाम की घोषणा हुई है और इस ड्रा में दुबई में रहने वाले भारतीय ड्राइवर रंजीत सोमराजन और नौ अन्य ने Dh20 मिलियन जीत हैं। शनिवार को अबू धाबी बिग टिकट ड्रॉ में भारतीय ड्राइवर रंजीत सोमराजन और नौ अन्य ने Dh20 मिलियन की राशि जीती।

दुबई में कभी टैक्सी चलाता था ये भारतीय कामगार, अब 40 करोड़ रुपए जीतकर ऐसे बदली अपनी किस्मत

37 वर्षीय रंजीत सोमराजन 2008 में केरल के कोल्लम जिले से संयुक्त अरब अमीरात आए था। उन्होंने एक टैक्सी ड्राइवर के रूप में अपना करियर शुरू किया और 13 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक निजी कंपनी में 3,500 दिरहम के मासिक वेतन के साथ एक नई नौकरी में काम शुरू करने वाले थे।

शनिवार को किस्मत ने सोमराजन और उसके नौ दोस्तों का साथ दिया और एक ही झटके में सभी लोग करोड़पति हो गए।बीते सोमवार को सोमराजन ने अबू धाबी बिग टिकट खरीदा था। उन्होंने यह बिग टिकट अपने दोस्तों के साथ खरीदा था, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के नौ दोस्तों शामिल थे। 500 दिरहम की कीमत पर खरीदा गया टिकट नंबर 349886 निकाला गया, तो उनके समूह को 20 मिलियन दिरहम (करीब 40.64 करोड़ रुपये) से अधिक मिले।

दुबई में कभी टैक्सी चलाता था ये भारतीय कामगार, अब 40 करोड़ रुपए जीतकर ऐसे बदली अपनी किस्मत

37 वर्षीय रंजीत सोमराज ने इस जीत को लेकर कहा है कि, ‘मैं, पत्नी संजीवनी परेरा और बेटा निरंजन हट्टा से लौट रहे थे। जब मैंने कुछ सब्जियां खरीदने का सोचा तो हम रास अल खोर पहुंचे। जब मैं ट्रैफिक सिग्नल पर था, दूसरे और तीसरे पुरस्कार की घोषणा हो रही थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं जैकपॉट जीतुंगा और हमेशा अपनी उम्मीद दूसरे और तीसरे स्थान पर टिकी हुई थी।”

वहीं उन्होंने कहा कि इस बार, दूसरा और तीसरा पुरस्कार Dh3 मिलियन और Dh1 मिलियन था। मैं आगे बढ़ा और सब्जी मंडी के रास्ते में एक मस्जिद देखी। जब मैं गाड़ी से सब्जी मंडी जा रहा था, तो मेरे दिमाग में कुछ हलचल मच गई। मैं मस्जिद वापस लौट आया। और मानो या न मानो, मेरे टिकट नंबर (349886) पर कॉल किया गया था। और मुझे ये इनाम देने की घोषणा हुई।

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वही सोमराजन को अब मित्रों और प्रियजनों के बधाई के कॉल मिल रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि बेहतर वेतन की उम्मीद में नौकरी छोड़कर अब तक उनका जीवन कठिन रहा है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ‘मैं 2008 से यहां हूं। मैंने दुबई टैक्सी और विभिन्न कंपनियों के साथ ड्राइवर के रूप में काम किया है। पिछले साल, मैंने एक कंपनी के साथ ड्राइवर-कम-सेल्समैन के रूप में काम किया, लेकिन मेरे वेतन में कटौती के हुई।

इसकी वजह से जीवन में तमाम तरह की आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा। अब मुझे एक नई कंपनी में ड्राइवर-कम-प्रो के रूप में नौकरी मिल गई है।  मेरा वेतन Dh3,500 होगा। मेरी पत्नी एक होटल में काम करती है। मैं अपने जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से टिकट खरीदता था। मैं हमेशा अपना खुद का व्यवसाय करना चाहता था। मैं अपने परिवार से सलाह लूंगा और फैसला लूंगा।’

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सोमराजन नौ अन्य लोगों के साथ राशि साझा करेंगे। सोमराजन ने कहा कि  हम कुल 10 लोग हैं। अन्य भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे विभिन्न देशों से हैं। वे एक होटल की वैलेट पार्किंग में काम करते हैं। हमने ‘बाय टू एंड गेट वन फ्री’ ऑफर के तहत टिकट लिया। प्रत्येक व्यक्ति ने Dh100 जमा किया।

टिकट मेरे नाम पर 29 जून को लिया गया था। मैं दूसरों से यही कह सकता हूं कि अपनी किस्मत आजमाते रहना है। मुझे हमेशा यकीन था कि मेरा भाग्यशाली दिन आएगा। मुझे हमेशा यकीन था कि एक दिन सर्वशक्तिमान मुझे आशीर्वाद देंगे।”

सोमराजन के अलावा एक अन्य भारतीय, रेंस मैथ्यू ने टिकट संख्या: 355820 के साथ 30 लाख दिरहम का दूसरा पुरस्कार जीता।