Placeholder canvas

जब आखिरी सांस ले रही थी मुस्लिम महिला…तब दुबई में पली-बढ़ी भारतीय हिन्दू डॉक्टर ने सुनाया ‘कलमा’

दुबई में एक हिंदू महिला डॉक्टर ने एक 57 वर्षीय महिला मुस्लिम मरीज को गंभीर COVID-19 से बचने के लिए एक विचारशील इस्लामी प्रार्थना करी है जिसके वजह से इस हिन्दू महिला की तारीफ हो रही है।

कोरोना महामारी पूरी दुनिया के लिए एक परेशानी का सबब बन चुका है, हालांकि इसकी भयावता के बावजूद मानवता को सुकून देने वाली खबरों की कमी नही हैं।  ऐसा ही एक उदाहरण केरल में देखने को मिला। दुबई में पढ़ी-बढ़ी और डाक्टर बनी 37 वर्षीय डॅाक्टर रेखा कृष्णा कोविड मरीजों का इलाज केरल की पलक्कड के पट्टांबी में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में कर रही है।

जब आखिरी सांस ले रही थी मुस्लिम महिला…तब दुबई में पली-बढ़ी भारतीय हिन्दू डॉक्टर ने सुनाया ‘कलमा’

इसी दौरान Sevana Hospital and Research Centre में भर्ती एक मुस्लिम महिला की कोविड-19 के साथ निमोनिया से भी पी’ड़ित होने की वजह से हालत नाजुक थी। महिला को दो हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था। वो ICU में थी। कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की वजह से मरीज के रिश्तेदारों को पास जाने की अनुमति नहीं थी। 17 मई तक मरीज की तबीयत काफी बि’गड़ गई और अहम अंगों ने काम करना बंद कर दिया.

वहीं रेखा ने शुक्रवार को बताया कि “मरीज (महिला, 57 वर्ष) तीव्र कोविड​​​​-19 निमोनिया से पीड़ित थी और वह 17 दिनों से वेंटिलेटर पर थी और उसके परिवार और रिश्तेदारों को आईसीयू में जाने की अनुमति नहीं थी। लेकिन मैं उसे पीड़ित देख सकती थी, लेकिन एक डॉक्टर के रूप में देखा कि, जब उसके अंग बंद होने लगे तो मैं कुछ नहीं कर सकती थी।

डॉ रेखा ने कहा, वेंटिलेटर से निकाले जाने के बाद मैं बस उसके दर्द को कम करने के लिए उसके पास गई और कलमा पढ़ा और आंखें बंद कीं. जैसे ही मैंने कलमा पूरा पढ़ा, मरीज ने गहरी सांस ली और मॉनिटर पर लाइन फ्लैट हो गई।

डाक्टर रेखा ने बताया कि मरीज का कोई रिश्तेदार पास मौजूद नही था, मुझे लगा कि उनके (मरीज) के लिए कुछ किया जाना चाहिए, क्योंकि मेरा बचपन संयुक्त अरब अमीरात में गुजरा है इसलिए मुझे मुस्लिम इबादत और रीतिरिवाजों की कुछ जानकारी है।