कोरोना वायरस की वजह से अन्तराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रखा है, हालांकि वंदे भारत मिशन जारी है। वहीं इस बीच खबर है कि भारत से आने वाले कम से कम 23 भारतीय अबू धाबी और शारजाह के हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। ये सभी प्रवेश परमिट की वजह से फंसे हुए हैं।
दरअसल, राष्ट्रीय आपातकालीन संकट और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने घोषणा की है कि ‘रेजिडेंट्स रिटर्न प्रोग्राम’ के दूसरे चरण के हिस्से के रूप में फंसे हुए निवासियों को प्रवेश परमिट की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, उन्हें एक पीसीआर कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट की जरुरत होगी। वहीं कई एयरलाइंस ने बयान जारी करके कहा है कि अबू धाबी और शारजाह लौटने वाले यात्रियों को आईसीए की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
इस घोषणा के बाद शनिवार को पांच यात्री, एतिहाद एयरवेज के जरिए अबू धाबी में उतरे थे और सोमवार सुबह 18 यात्री एयर अरबिया के जरिए शारजाह पहुंचे लेकिन उन्हें “देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है और क्योंकि इन लोगों ने GDRF और ICA से देश में आने की परमिशन नहीं ली थी।
खलीज टाइम्स के अनुसार, इन लोगों के टिकट जारी करने वाले ट्रैवल एजेंटों ने को बताया कि यह “अत्यधिक संभावना है कि उन्हें भारत लौटना होगा”। अबू धाबी की उड़ान दक्षिण भारतीय राज्य केरल से थी, जबकि दूसरे ने लखनऊ से उड़ान भरी। यात्रियों और ट्रैवल एजेंटों को संदेह है कि उन्हें हवाई अड्डों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उन्हें आईसीए से ‘ग्रीन ओके टू ट्रैवल’ का दर्जा नहीं मिला। उनके दस्तावेजों को (www.uaeentry.ica.gov.ae) वेबसाइट पर सत्यापित नही किए गये हैं।
वहीं यात्रियों को एक संदेश मिला जिसमें लिखा था “हम आपकी सुरक्षा को संरक्षित करने के लिए 60 दिनों के बाद आपकी यात्रा की तारीख को फिर से निर्धारित करने की संभावना पर विचार करेंगे। हम आपकी समझदारी की सराहना करते हैं।
आपको बता दें, इस कोरोना की वजह से खाड़ी देशों में जाने वाले लोगों को ICA और GDRF की मंजूरी लेनी होगो लेकिन हाल ही में इस मंजूरी को लेकर को कई सारे बयान दिए गये जिसके बाद लोगों को इस बात की जानकारी की पुष्टि नहीं हो पायी कि दुबई, अबू धाबी और शारजाह में से कसी जगह जाने के लिए प्रवेश परमिट की जरुरत है की नहीं।