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UAE में रह रहे भारतीय प्रवासियों में आखिर क्यों लगी है अपने देश पैसे भेजने की होड़? जानिए वजह

UAE में रहकर काम करने वाले प्रवासी बीते कुछ दिनों से बड़ी संख्या में अपने देश पैसे भेजने लगे हैं। इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर सर्विस, करेंसी एक्सचेंज सेंटर बड़ी संख्या में संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले प्रवासी और कामगार द्वारा भारत के साथ साथ पाकिस्तान के अलावा फिलीपींस में भी मुद्रा भेजने की संख्या को नोट कर रहा है।

इन दोनों संस्थाओं की हालिया रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले प्रवासी और कामगार अपने देश खासकर भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस देश में काफी अधिक पैसा भेजा जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात की अल फरदान एक्सचेंज ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिकतर करेंसी एक्सचेंज में पिछले माह के मुकाबले में दो अंकों की बढ़ोतरी देखी गई।

इसलिए पैसा भेजने को आतुर हैं लोग

दुबई के खलीज टाइम्स के अनुसार मौजूदा समय में भारत के अलावा पाकिस्तान और फिलीपींस में डॉलर के मुकाबले लोकल करेंसी में गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में अधिक लाभ लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के लोग अधिक से अधिक यानी कि इन देशों में अधिक पैसे भेज रहे हैं।

आपको बताते चलें कि पाकिस्तान और फिलीपींस की अपेक्षा भारत में इन्वेस्ट करना काफी सुरक्षित माना जाता है। ऐसी में यूएई के लोग भारत में पैसे भेज रहे हैं। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो यूरो लेन-देन में पिछले माह के अनुपात में 34 फ़ीसदी की वृद्धि देखी गई वहीं, GBP मात्रा में 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

यूएई की अल फरदान एक्सचेंज l.l.c. के मुख्य कार्यकारी हसन फरदान ने कहा, अन्य मुद्राओं के मामले में भी ऐसा ही देखा गया है। उन्होंने आगे कहा,”अधिकांश प्रवासी, विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले एशियाई और यूरोपीय, अपने घरेलू देशों में कमजोर मुद्रा का फायदा उठा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप यूएई में रहने वाले प्रवासी लोग अपने अपने देशों में भारी पैसा भेज रहे हैं।”

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मुद्राओं की गिरती कीमतों का लाभ लेने का कर रहे हैं प्रयास

आपको बताते चलें कि अल फरदान ने अपनी बातचीत में आगे कहा,”आने वाले महीनों में अभी अलग अलग देशों की स्थानीय करेंसी के अस्थिर रहने की संभावना है, लिहाजा संयुक्त अरब अमीरात के ज्यादातर प्रवासी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने देश की मुद्रा में आने वाली हर गिरावट का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकते हैं।”

इस साल 15 फीसदी मजबूत हुआ है डॉलर

गौरतलब है कि इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने कहा कि यूएस डॉलर इंडेक्स जो अमेरिकी डॉलर की वैल्यू आता है। वो मौजूदा समय यानी कि इस साल दुनिया के अन्य देशों की करेंसी की अपेक्षा डॉलर तकरीबन 15 फ़ीसदी मजबूत हुआ है।

अल फरदान ने आगे कहा, “अमेरिकी डॉलर सभी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है, और चूंकि यूएई की करेंसी दिरहम अमेरिकी डॉलर से आंकी गई है, लिहाजा दिरहम के वैल्यू में भी अन्य देशों की करेंसी के मुकाबले भारी इजाफा हुआ है।

ऐसे में अगर कोई यूएई से दिरहम अपने देश में भेजता है, तो फिर उसे करेंसी के आदान-प्रदान में ज्यादा मुनाफा होगा।” वहीं, लुलु इंटरनेशनल एक्सचेंज के एक प्रवक्ता ने कहा कि, “अमेरिका में ब्याज दरों में निरंतर वृद्धि के बाद हमने यूएई से दूसरे देशों में मनी एक्सचेंज की मात्रा में भारी उछाल देखा है।”

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