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दुबई के बाद अब अबूधाबी में हो रहा विशाल हिंदू मंदिर का निर्माण, जानिए कब से खुलने की उम्मीद

इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। ऐसे में दुनिया के कई देशों में हिंदू मंदिरों का भी वर्चस्व बढ़ रहा है। इसी कड़ी में यूएई (UAE) की राजधानी अबू धाबी में एक बड़े हिंदू मंदिर का निर्माण हो रहा है।

अभी कुछ दिनों पहले ही दुबई में बनकर तैयार हुए एक हिंदू मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। अबू धाबी में दूसरे मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जो स्वामीनारायण मंदिर होगा।

अगर यूएई में स्थित भारतीय राजदूत की बात पर गौर करें तो यह मंदिर सहिष्णुता का प्रतीक माना जाएगा और वहां पर बसे हिंदू परिवारों को उनके घर का एहसास होगा। आपको बताते चलें कि भारत में यूएई के राजदूत ने इस मंदिर से जुड़ी तस्वीरों को साझा किया है।

इतने बड़े क्षेत्र में फैला है मंदिर परिसर

आपको बताते चलें कि साल 2022 के मई महीने में जिस दौरान भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ विस्तृत आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे तो उस समय दोनों देशों के आपसी रिश्ते नए आयाम पर पहुंचे थे।

अगर बात करें संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों की संख्या की तो वहां पर तकरीबन 35 लाख इंडियंस रहते हैं। यूएई में सबसे पहला हिंदू मंदिर 1950 में बना था। उस दौरान वहां की अथारिटी की ओर से मंदिर के लिए तकरीबन 15 एकड़ भूमि दान स्वरूप दी गई थी। वह मंदिर भारत और इस्लामिक आर्किटेक्चर का बेहतरीन एग्जांपल था।

गौर करने वाली बात यह है कि किस मंदिर का इसी माह एक बार फिर उद्घाटन किया गया है और संयुक्त अरब अमीरात के टोली रेंस मिनिस्टर शेख नाहन बिन मुबारक ने इस मंदिर का इनॉग्रेशन किया है। इसी के साथ टॉलरेंस मिनिस्टर ने मंदिर के इनॉग्रेशन के समय कहा था कि जिस दौरान इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तब भारत के साथ संबंध और मजबूत होंगे। आपको बताते चलें कि नया मंदिर तकरीबन 27 एकड़ भूमि पर बन रहा है।

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3 साल पहले हो चुका है मंदिर का शिलान्यास

आपको बताते चलें कि साल 2019 में संयुक्त अरब अमीरात के तीन मंत्रियों की उपस्थिति में इस हिंदू मंदिर का शिलान्यास हुआ था और यह मंदिर दुबई – आबू धाबी शेख जायेद हाईवे के करीब में अबू मुरेख में स्थित है।

यह मंदिर मध्य पूर्व का पहला ऐसा मंदिर होगा जो पारंपरिक तौर पर पत्थरों से बना होगा। इस मंदिर को बनाने में यूएई और भारत के शिल्पकारों का सहयोग लिया जा रहा है। मंदिर परिसर में प्रार्थना हाल के साथ प्रदर्शनी हाल, थीम बेस्ड गार्डन, बच्चों के खेलने के लिए जगह, फूड कोर्ट, किताबों की दुकान और गिफ्ट की दुकान भी होगी।

साल 2024 में किया जाएगा मंदिर का उद्घाटन

प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद यानी कि साल 2015 में नरेंद्र मोदी अपने पहले आधिकारिक दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे थे। उस दौरान इस मंदिर के लिए जमीन देने की घोषणा की गई थी। यह मंदिर साल 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा, हालांकि इस मंदिर को देखने के लिए अभी से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं।

मंदिर को बनाने में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों उपयोग किया जा रहा है। अगर इस मंदिर के खर्चे की बात करें तो इस मंदिर पर आने वाली लागत तकरीबन 888 करोड रुपए से ज्यादा होगी।

खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण भारत की पारंपरिक मंदिर वास्तुकला के तहत किया जाएगा और इस हिंदू मंदिर के निर्माण में लोहे-इस्पात या उससे बनी सामग्री का इस्तेमाल नहीं होगा।

इस मंदिर निर्माण के लिए भारत में 3,000 कारीगर काम कर रहे हैं। जो 5000 टन इटालियन मार्बल से नक्काशीदार चिह्न और मूर्तियां बना रहे हैं। वहीं, मंदिर का बाहरी हिस्सा 12,250 टन गुलाबी बलुआ पत्थर से बना होगा। वहीं जब इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा तब ये मंदिर UAE में आकर्षण का केंद्र बनेगा।

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