Placeholder canvas

कभी दुबई के फाइव स्टार होटल में करता था सुपरवाइजर का काम, आज अपने गांव में आकर कर रहा खेती

New Delhi: हर साल भारत से लाखों लोग बेहतर नौकरी और सेलेरी की तलाश में अपना देश छोड़ विदेश चले जाते हैं। जहां उन्हें अपने परिवार के बाद अपने देश की, गांव की मिट्टी की खूशबू को बहुत ही याद आती है। हां ये अलग बात ही वो लोग अपने बेहतर भविष्य के लिए अपने देश में दूर रहते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन ने सभी प्रवासियों को अपने देश की मिट्टी के और करीब ले लाए है।

विदेश से लौटे कई प्रवासी भारतीय अपने गांव की मिट्टी की सेवा करने में जुट गए है। विदेशों से आए ऐसे ही प्रवासियों में से एक धनंजय दीक्षित भी है। जो उत्तर प्रदेश के बैजूपुर के पाली थाना क्षेत्र के रहने वाले है। धनंजय दीक्षित दुबई के डीलक्स फाइव स्टार होटल में सीनियर सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे। लेकिन अब भारत आने के बाद धनंजय अपनी वो फाइव स्टार होटल वाली लाइफ छोड़कर अपने गांव में खेती कर रहे है।

कभी दुबई के फाइव स्टार होटल में करता था सुपरवाइजर का काम, आज अपने गांव में आकर कर रहा खेती

बता दें कि दुबई के फाइव स्टार होटल में काम करने वाले धनंजय दीक्षित बैजुपूर के रहने वाले राकेश दीक्षित के बेटे है। धनंजय ने अपनी स्कूली पढ़ाई गांव से पूरी की है। जिसके बाद उन्होंने साल 2008 में पाली के सेठ बाबूराम भारतीय इंटर कालेज से पास की, वहीं साल 2009 में उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। होटल मैनेजमेंट कोर्स पूरा करने के बाद उन्होंने साल 2012 से लेकर साल 2014 तक हैदराबाद के एक फाइव स्टार होटल में 6 महीने तक काम किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में नौकरी की, जिसके बाद वो साल 2015 में दुबई चले गए थे।

धनंजय कहा कि वो दुबई के सीरस पैलेस ब्लू बाटर लग्जरी फाइव स्टार होकर में वह सीनियर सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे है। दुबई में धनंजय अपनी पत्नी सपना दीक्षित के साथ रहते थे। उन्होंने बताया कि अच्छी नौकरी के लिए उन्हें अपना गांव और देश को छोड़कर कोसो दूर रहना पड़ रहा है। लेकिन उनका दिल इस देश की धरती से कभी दूर नहीं गया। इसलिए जब भी उन्हें छुट्टी मिलती थी तो अपने गांव आ कर खेत में काम करते थे। हालांकि नौकरी की वजह से उन्हें ये मौके कम ही मिल पाता था।