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अबूधाबी में फंसे पंजाब के 100 कामगार, पासपोर्ट भी नहीं किए गए वापस, अब सरकार से लगाई मदद की गुहार

भारत से रोजगार की तलाश में अबूधाबी की एक प्राइवेट कंपनी में काम के सिलसिले से गए तकरीबन 100 पंजाबी कामगार वहां फंस चुके हैं। उन्हें काम करने से मना कर दिया गया है, लेकिन उनके पासपोर्ट उन्हें वापस नहीं किए जा रहे हैं। जिसके कारण वे सभी अवधि में फंस चुके हैं।

सोशल वर्कर दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर( S. Jaishankar) और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant man) को पत्र लिखकर यूएई में फंसे युवकों की सहायता करने की मांग की है।

स्वदेश लौटना चाहते हैं युवक लेकिन कंपनी नहीं लौटा रही है पासपोर्ट

आपको बताते चलें कि बेनापुर गांव के रहने वाले दिलबाग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में कहा है कि स्क्वायर जनरल कांट्रैक्टिंग कंपनी अबू धाबी तकरीबन सौ भारतीय कामगारों को काम से हटा दिया है और पासपोर्ट भी जब्त कर लिए हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में युवक स्वदेश वापस लौटना चाहते हैं लेकिन उनके पास पासपोर्ट नहीं है।

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युवकों के परिजन टिकट का खर्च देने के लिए भी हैं राजी

कामगारोेंं के दुबई में फंसे होने के मामले पर संज्ञान करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद से भारतीय दूतावास को निर्देश देकर इस पूरे प्रकरण को संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों के सामने रखने की बात कही गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता दिलबाग सिंह ने बताया कि दुबई में फंसे युवकों में से ज्यादातर ने वतन वापसी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था मगर उनके पास पासपोर्ट नहीं है। दुबई में फंसे युवकों के गार्जियन टिकट का खर्च भी उठाने के लिए तैयार हैं लेकिन अबू धाबी की कंपनी युवकों के पासपोर्ट नहीं दे रही है।

पंजाब और केंद्र की सरकार के सामने रखा मामला, ये मांग भी की

दिलबाग सिंह ने मामले की पूरी जानकारी देते हुए केंद्र सरकार से इस पूरे प्रकरण में हस्तक्षेप करने के साथ यूएई में कामगारों के लिए ‘हेल्प डेस्क’ खोलने की भी मांग की है।

दिलबाग सिंह नेविदेश मंत्री जयशंकर के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय को भी पत्र भेजकर मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने आगे बताया है कि उन्हें इस प्रकरण के बारे में युवकों के परिजनों ने बताया है। उसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले को केंद्र व पंजाब सरकार के समक्ष उठाया है।

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