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दुबई में हुई भारतीय कामगार की मौ’त, एक महीने से अस्पताल के मॉर्चरी में पड़ा श’व, नहीं हो पा रही वतन वापसी

चीन से दुनियाभर के देशों में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया है। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से कई लोग ऐसे है जिनकी विदेशों में मौ’त हो गयी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका श’व वापस उनके देश नहीं आ पा रहा है। वहीं इस बीच एक शख्स ऐसा भी है जिसकी दुबई में मौ’त हो गयी है और 1 महीने से उसका श’व वहीं पर पड़ा हुआ है।

दरअसल, दुबई में पैसा कमाने गये कामगार बिशुन महतो की दुबई में मौ’त हो गयी। वो यहां पर बीते दो साल पहले केईसी ट्रांसमिशन कंपनी में काम करने के लिए गए थे। वहीं 4 जुलाई को अचानक उनकी मौ’त हो गई। जिसके बाद उनके श’व को भारत लाना था लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका श’व नहीं आ पा रहा है। उनकी मौ’त की खबर मिलते ही उनके परिजन परे’शान हो गए कि इस आखिरी समय में उनका श’व वापस आएगा भी की नहीं।

दुबई में हुई भारतीय कामगार की मौ'त, एक महीने से अस्पताल के मॉर्चरी में पड़ा श'व, नहीं हो पा रही वतन वापसी

 

वहीं लॉकडाउन की वजह से 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया है और अभी तक उनका श’व वहीं पर पड़ा हुआ है। इस वजह से उनके परिवार के लोग उनके श’व को लेकर बड़ी परे’शानी का सामना कर रहे हैं। मजदूर बिशुन महतो के परिवार ने उनकी मौ’त को लेकर कहा कि लॉकडाउन समेत अन्य कारणों की वजह उन्हें उनका श’व नहीं मिल पा रहा है साथ ही उनके परिजनों ने भी बताया कि उनका श’व बीते एक महीने से दुबई के अबूधावी में पड़ा है।

जानकारी के अनुसार, बिशुन महतो का श’व अबूधावी स्थित एक अस्पताल के मॉर्चरी में पड़ा है। श’व भेजने में नियोक्ता कंपनी भी कोई पहल नहीं कर रही है। वहीं इस मामले में प्रवासी समाजसेवी सिकंदर अली ने कंपनी एवं सरकार से आश्रितों को उचित मुआवजा देने के साथ शव को शीघ्र भारत भेजने की मांग की है, ताकि श’व का विधि विधान से अंतिम सं’स्कार किया जा सके।

आपको बता दें, विदेशों में कई लोग ऐसे है जिनकी मौ’त हो गयी है लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें आखिरी समय आर अपने वतन की मिट्ठी भी नसीब नहीं हो पा रही है।