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दुबई पुलिस ने ड्रो’न के इस्तेमाल से 2021 की पहली तिमाही के दौरान 4,400 उ’ल्लं’घनों को किया रिकॉर्ड

दुबई से एक बड़ी खबर सामने आई है और ये खबर उ’ल्लं’घ’नों को रिकॉर्ड करने को लेकर है। दरअसल, दुबई के अधिकारियों ने कहा है कि वर्ष की पहली तिमाही के दौरान विभिन्न अ’परा’धों के लिए 4,400 उ’ल्लं’घ’न द’र्ज किए और ये उ’ल्लं’घ’नों को रिकॉर्ड ड्रो’न की मदद से किया गया है।

अल-बायन के अनुसार, ड्रोन से क्षेत्र में अपनी तरह की पहली परियोजना ने सड़क सुर’क्षा को नियं’त्रित करने और अ’प’रा’धियों का एक अभिनव तरीके से पीछा करने में मदद की, क्योंकि ड्रो’न उच्च तकनीक से लै’स हैं जो उन्हें उच्च रिज़ॉल्यूशन में वांछित चेहरों की पहचान करने और तस्वीरें लेने में सक्षम बनाता है।

दुबई पुलिस ने ड्रो'न के इस्तेमाल से 2021 की पहली तिमाही के दौरान 4,400 उ'ल्लं'घनों को किया रिकॉर्ड

वहीं इस साल की पहली तिमाही के दौरान 4,400 उ’ल्लं’घन दर्ज किए गए। इनमें से 518 कोविड सु’रक्षा प्रोटो’कॉल के हिस्से के रूप में फेस मास्क पहनने में विफ’ल’ता के लिए थे, और 37 जायवॉकिंग के लिए थे। इसके अलावा 2,933 यातायात उ’ल्लं’घन, 128 साइकिलिंग उल्लं’घन, वां’छित कारों के लिए 159 उ’ल्लंघन और इलेक्ट्रि’क साइकिल के खिलाफ 706 उ’ल्लं’घन भी द’र्ज किए। ड्रो’न से ड्र’ग डी’लिं’ग के मामलों की भी निगरानी की जाती है, जिससे पुलिस वास्तविक समय में अप’रा’धियों को पकड़ने में सक्षम होती है।

वहीं नाइ’फ पु’लिस के मुताबिक, नाइफ में दो ड्रोन के साथ प्रयोग के तौर पर इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया और इसमें बड़ी कामयाबी हासिल हुई। ड्रोन उच्च दक्षता के साथ चेहरे और कार प्लेट नंबरों की पहचान करने में सक्षम थे, कैमरे ऊपर से सड़क की क्लोज-अप छवियों का पता लगाने में सक्षम थे।

वहीं नाइफ पुलि’स स्टेशन के निदेशक ब्रि’गे’डि’यर जनरल डॉ तारिक तहलक ने संकेत दिया कि कई धो’खे’बाजों पर ड्रो’न से नजर रखी गई और इस अधि’नियम में पक’ड़े गए, क्योंकि पुलि’स टीमों को उनके स्थान पर निर्देशित किया गया था और उन्हें सेकंड के भीतर गिर’फ्ता’र कर लिया गया था।

वहीं उन्होंने कहा कि रिकॉर्डिंग का उपयोग अप’रा’ध को कम करने और सु’रक्षा अंतराल को भरने के लिए सड़क पर आवाजाही की निगरानी और विश्लेषण के लिए भी किया जा सकता है। वहीं अपने हिस्से के लिए, नाइफ पु’लिस स्टेशन के उप निदेशक कर्नल उमर अशौर ने कहा कि ड्रो’न पीक आवर्स में संचालित होते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि कैमरों से रिकॉर्डिंग ने पी’ड़ितों को रिकॉर्ड समय में संदि’ग्धों को पहचानने की अनुमति दी है।