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3 महीने तक दुबई में फंसी रही ओसीआई कार्ड धारक, ऐसे पहुंची अपने घर भारत

कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ है। जिसके कारण बड़ी तदाद में लोग विदेशों में फंसे हुए हैं। वहीं इस बीच ब्रिटिश पासपोर्ट और भारत की विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्ड वाली एक महिला भी 31 मार्च से दुबई में फंसी हुई थी, जिसके बाद मंगलवार को वो अपने घर भारत पहुंची है।

दरअसल, मंगलवार को मलयाली आर्ट्स एंड स्पोर्ट्स कल्चरल सेंटर (MASCA) द्वारा संचालित की गयी एक चार्टर्ड उड़ान के जरिये  ब्रिटिश पासपोर्ट और भारत की विदेशी नागरिकता (ओसीआई) कार्ड वाली गीता रामदास दुबई से दोपहर 2:30 बजे कोच्चि के लिए रवाना हुई है और अब वो भारत पहुंच गयी है।

खलीज टाइम्स के अनुसार, Thrissur के कॉर्पोरेटिव हॉस्पिटल में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में कार्यरत 46 वर्षीय Kaippully Geetha Ramda का जन्म ब्रिटिश में हुआ था। ऐसे में उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट रखती हैं, लेकिन वो बीते 44 साल से लंदन नहीं गयी। जब वो दो साल की थी तब वो केरल में रहने लगी।

3 महीने तक दुबई में फंसी रही ओसीआई कार्ड धारक, ऐसे पहुंची अपने घर भारत

Geetha Ramda बताती है कि वे हाल ही में तीन सप्ताह की छुट्टी पर दुबई आई थी। जिसके बाद उन्हें अपने पथरी के इलाज के लिए वापस भारत आना था। लेकिन 14 मई से भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारियों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण वो यहाँ पर फंस गयी।वही Geetha Ramda ने ये भी बताया कि इस लॉकडाउन की वजह से गीता के बेटे, आदित्य सानिथ भी ब्रिटेन में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि केरल के लिए उनका टिकट 18 जून को बुक किया गया है। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह इस तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

वहीं उन्होंने ये भी कहा था ” भारतीय गृह मंत्रालय ने 12 जून को घोषणा की कि ओसीआई कार्डहोल्डर को भारत में अनुमति दिया जाएगा। MHA द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, ओसीआई कार्डधारक अब पारिवारिक आपात स्थिति के लिए भारत में प्रवेश कर सकते हैं जिसके बाद अब उनकी वतन वापसी हुई है।

3 महीने तक दुबई में फंसी रही ओसीआई कार्ड धारक, ऐसे पहुंची अपने घर भारत

लेकिन उनके बेटे को भारत आने की अनुमति तभी मिलेगी, जब अभिवावक में कम से कम एक लोग के पास भारतीय नागरिकता हो या फिर ओसीआई कार्डधारक हो। हालांकि गीता ने बताया कि उनके पास कोई परिजन नहीं है जो भारतीय पासपोर्ट के धारक हैं। जिसके कारण उनका बेटा वतन वापस नहीं लौटा है।

आमतौर पर भारतीय वाणिज्य दूतावास और दूतावास इस तरह के मामले पर पूरी सहायता करते हैं, लेकिन ट्रैवल एजेंसियों के बीच ओसीआई कार्डधारकों के साथ क्या किया जाना चाहिए, इस पर बहुत कम जागरूकता है। इस तरह के मामलों को चार्टर्ड फ्लाइट में जगह पाना मुश्किल हो रहा है।