New Delhi: कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देश गिरती अर्थव्यस्था की मार झेल रहे है। वायरस के कहर से निपने के साथ साथ कई देश अपनी अर्थव्यवस्था को भी डूबने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं, दुनिया की इन्हीं देशों कि लिस्ट में सऊदी अरब भी शामिल है, जो कोरोना वायरस के संकट के समय में अपनी डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कई कड़े कदम उठा रहा है।
बता दें कि हाल ही में सोमवार को सऊदी अरब की सरकार ने देश की कई बुनियादी चीजों पर लगने वाले वैट टैक्स दर में तीन गुना बढौतरी कर दी है और सभी चीजों के दामों पर 15% बढ़ाने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही सरकार ने देश के कई वेरियस प्रोजेक्ट और बाकी के आइटम्स के खर्च में 26 बिलियन डॉलर की कटौती करेगा।
सऊदी के फाइनेंस मिनिस्टर के मुताबिक, सऊदी के नागरिकों को साल 2018 से लागू हुए उनके सही ढंग से रहने के लिए मिलने वाले लागत भत्ता अब नहीं मिलेगा। सऊदी अरब की डूबती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए की जा रही इन सभी कोशिशों के बाद भी देश की कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा तेल आय पर निर्भर है।
वहीं अगर बात करें देश में रोजमरा के बुनियादी सामनों के कीमनों की तो बता दें कि इस घोषणा के बाद देश में ब्रेंट क्रूड का भाव इस समय 30 डॉलर हो गया है। इसके बाद भी ये कीमत सऊदी के बजट को संभालने के लिए जरूरी राशि से बहुत रही कम है।
इसके साथ ही सऊदी को देश में मक्का और मदीना में लोगों के आने पर लगे बैन से भी बहुत ही नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही कोरोना वायरस महामारी के बीच गिरी तेल की कीमतों ने सऊदी की अर्थव्यवस्था को डगमगा के रख दिया है। बता दें कि कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए दुनिया के सभी धार्मिक स्थल में लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है।