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इकोनॉमिक्स फ़ाउंडेशन रिपोर्ट में हुआ खुलासा, खाड़ी देश को छोड़ने में प्रवासियों की संख्या में आएगी गिरावट

इस समय सभी देश कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे हैं। वहीं इस कोरोना कहर के बीच खाड़ी देशों के लोग वापस स्वदेश लौटे हैं। लेकिन अब हालात सामान्य होने के बाद लोग वापस खाड़ी देश भी लौट भी हैं। वहीं इस बीच ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स फ़ाउंडेशन की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें प्रवासियों के खाड़ी देश छोड़ने को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है।

ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स फ़ाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, इस कोरोना कहर के बीच अब प्रवासियों के खाड़ी देश से वापस लौटने की संख्या में गिरावट आएगी। वहीं सऊदी अरब और कतर जैसे देशों की कुछ अर्थव्यवस्थाओं ने वैश्विक स्वास्थ्य के दौरान अपेक्षित परिणामों से बेहतर परिणाम मिले हैं।

वहीं अनुमानों के अनुसार, कुवैत छोड़ने की उम्मीद करने वाले प्रवासियों का प्रतिशत जनसंख्या के इस बड़े हिस्से के लिए कुल का लगभग 12 प्रतिशत है। वहीँ इस ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स में क्षेत्रीय मामलों के मुख्य अर्थशास्त्री स्कॉट लिवरमोर ने कहा कि नौकरियों पर गैर-तेल जीडीपी में गिरावट का प्रभाव अपेक्षित परिणामों से कम दर्ज किया गया है, इससे यह पता चलता है कि यात्रा प्रतिबंध और वेतन में कटौती के बदले छुट्टी लेने का विकल्प जारी था। बिना वेतन के काम से अनुपस्थित रहने वालों ने प्रवासियों को नौकरी से निकाल दिया है।

इकोनॉमिक्स फ़ाउंडेशन रिपोर्ट में हुआ खुलासा, खाड़ी देश को छोड़ने में प्रवासियों की संख्या में आएगी गिरावट

इसी के साथ खाड़ी में प्रवासी बड़ी संख्या में क्षेत्र छोड़ देंगे, जबकि कतर, सऊदी अरब और बहरीन को प्रवासी उपस्थिति के आकार के संदर्भ में पूर्व-महामारी के स्तर तक पहुंचने के लिए लगभग दो साल की आवश्यकता होगी।

वहीं घरेलू कामगारों को छोड़कर, सऊदी अरब में प्रवासी नौकरियों में गिरावट 3।8 % से कम थी, जबकि मार्च और नवंबर के बीच कतर की आबादी में 2।8 प्रतिशत की कमी आई है और UAE में, जहां प्रमुख क्षेत्रों में कार्यबल में गहरी कटौती की घोषणा की गई है, प्रवासियों की संख्या में पिछले अनुमानों के विपरीत गिरावट की संभावना है।

आपको बता दें, इस कोरोना वायरस की वजह से खाड़ी देशों में काम करने गये कई लाख लोग वापस लौटे हैं क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से इन लोगों की नौकरी चली गयी और इस वजह से ये लोग वापस स्वदेश लौटे हैं।