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दुबई में 30 लाख का पैकेज छोड़ विकास लौटा स्वेदश, गांव में बदलाव के जरिए स्मार्ट विलेज बनाने की कोशिश

भारत के एक शख्स ने अपने देश को लेकर एक अनोखी मिसाल पेश करी है। दरअसल, दुबई में 35 वर्षीय विकास कुमार 30 लाख रुपये सालाना की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ा और ग्राम प्रधान बन गए। अब विकास के जरिए गांव को स्मार्ट विलेज बनाने की जद्दोजहद में जुटे हैं।

जानकारी के अनुसार, 35 वर्षीय विकास कुमार बीएससी आइटी तथा फाइनेंस एंड मार्केटिग में एमबीए हैं। साल 2010 में इलेक्ट्रोमैकेनिकल कांट्रेक्टर्स के क्षेत्र में काम करने वाली दुबई की कंपनी में 30 लाख रुपये सालाना वेतन पर असिस्टेंट मैनेजर नियुक्त हुए। विकास कुमार छह माह ओमान में ट्रेनिग के बाद एक साल आस्ट्रेलिया में काम किया। फिर उनका तबादला दुबई हुआ। वह बेटी, बेटे और पत्नी के साथ अपनी दुनिया में व्यस्त थे। पिता बिजेंद्र सिंह यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं।

वहीं इस नौकरी के दौरान वह फरवरी 2021 में छोटे भाई जितेंद्र कुमार की शादी के लिए दुबई से गांव लौटे। गांव की बदहाली देखी तो गांव के लिए कुछ करने की ठानी। दुबई लौटने के बाद प्रधानी का चुनाव लड़ा और 90 वोट से जीत गए।

इसी के साथ विकास ने दो माह में 2100 पौधों को रोपण कराया। कोरोना से बचाव को दो बार गांव को सैनिटाइज कराया। लोगों को जागरूक करने और अपने खर्च से मजदूर लगाकर गांव की सफाई कराई। वहीं विकास बताते हैं कि घर-घर कूड़ा कलेक्शन, गांव स्वच्छ बनाने, स्टेडियम निर्माण, स्कूल में स्मार्ट क्लास, सीसी रोड निर्माण, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, कुपोषण मिटाने, गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवाने, पंचायत घर निर्माण, पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाने, तालाब सुंदरीकरण, महिला स्वावलंबन, पर्यावरण एवं जल संरक्षण व योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचाने, सौहार्द मजबूत करने, युवाओं को करियर प्रति जागरूक करने जैसे कार्य कराएंगे। ग्रामीण सुधीर चिकारा व राजवीर ने बताया कि विकास के प्रधान बनने से गांव में विकास की उम्मीद जगी है।