हाल ही में कुवैत में शुएबा पोस्ट पर काम करने वाले 105 भारतीय कामगारों ने भारतीय दूतावास को अपनी ओर से हस्तक्षेप करने के लिए याचिका दी थी। वहीँ अब इन लोगों कि मदद के लिए कुवैती पब्लिक अथॉरिटी फॉर मैनपावर आगे आया है।
दरअसल, कुवैत में शुएबा पोस्ट पर काम करने वाले एक समूह के 105 भारतीयों ने कुवैत में भारतीय दूतावास को अपनी ओर से हस्तक्षेप करने के लिए याचिका दी है क्योंकि उन्हें जून के बाद से उनका वेतन नहीं मिला है। चार महीने के वेतन के बिना, श्रमिक अपने बिलों का भुगतान करने और बुनियादी आवश्यकताओं को खरीदने में असमर्थ हैं। साथ ही किराए का भुगतान करने में भी असमर्थ है और इस वजह से ये लोग यहाँ पर बड़ी परेशानी का सामान कर रहे हैं।
वहीँ अब जून से भारत के अल शुएबा पोस्ट पर काम करने वाले 105 कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने कि रिपोर्ट करने के बाद कुवैती पब्लिक अथॉरिटी फॉर हरकत में आया है।
जानकारी के अनुसार, PAM कर्मचारी समस्या के समाधान के लिए मंगाफ क्षेत्र में 105 कामगारों के घर गए क्योंकि उन्हें शिकायतें मिली थीं। वहीं इस मामले को लेकर पीएएम ने कहा कि शिकायत, सैलरी को न अदा कर पाने, निवास / वीजा का नवीनीकरण नहीं होने और पासपोर्ट को लेकर थी।
वहीँ अनुबंध की समाप्ति और श्रमिकों को भुगतान करने में विफलता के कारण नियोक्ता की फ़ाइल को पहले ही आंशिक रूप से निलंबित कर दी गयी है। साथ ही कंपनी के कानूनी प्रतिनिधियों को कानूनी ढांचे के अनुसार विवाद को हल करने के लिए बुलाया गया है।
आपको बता दें, कुवैत के सार्वजनिक प्राधिकरण के उप निदेशक डॉ मुबारक अल आज़मी ने अल राय को बताया, कि उन्हें कर्मचारियों से लगभग 3,000 शिकायतें मिलीं, जिनमें से सभी प्रवासी थे, क्योंकि उनकी कंपनियों ने उन्हें COVID के दौरान उनके वेतन का भुगतान नहीं किया था।