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करीब 3 महीने से निलंबित है भारत-UAE उड़ानें, फंसे हुए प्रवासी कर रहे मुसीबत का सामना

भारत से यूएई में यात्री प्रवेश को निलंबित किए तीन महीने हो चुके हैं और फंसे हुए निवासी अभी भी इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद है कि वे जल्द ही अपनी नौकरी पर लौट पाएंगे।

जानकारी के अनुसार, भारत से आने वाली यात्रा के 10 दिनों के निलंबन की घोषणा के बाद सबसे पहले संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय आपातकालीन संकट और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनसीईएमए) और सामान्य नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (जीसीएए) ने 24 अप्रैल को की थी और फिर अधिकारियों ने इस निलंबन को आगे बढ़ा दिया है।

करीब 3 महीने से निलंबित है भारत-UAE उड़ानें, फंसे हुए प्रवासी कर रहे मुसीबत का सामना

 

वहीं इस निलंबन के दौरान कई लोग अपने परिवारों से बिछड़ गए हैं तो कुछ को वेतन में कटौती के साथ गुजारा करना पड़ रहा है। हो सकता है कि अन्य लोगों के पास लौटने के बाद उनके पास नौकरी न हो। वहीं अधिकांश ने अपने प्रियजनों को देखने के लिए यात्रा की थी और उनमें से कई ने आपात स्थिति के कारण उड़ान भरी थी।

अगली सूचना तक उड़ानें अभी भी निलंबित हैं। वहीं भारतीय प्रवासियों ने संयुक्त अरब अमीरात लौटने की कोशिश कर रहे सभी साधनों को समाप्त कर दिया है। कुछ ने इसे चार्टर उड़ानों पर वापसी करी, जबकि कुछ ने वैकल्पिक मार्गों की खोज की है और अन्य देशों में कम से कम 14 दिन बिताए हैं ताकि वे वापस संयुक्त अरब अमीरात के लिए उड़ान भर सकें।

करीब 3 महीने से निलंबित है भारत-UAE उड़ानें, फंसे हुए प्रवासी कर रहे मुसीबत का सामना

अमिताभ नाम का एक प्रवासी, जो अपनी बीमार मां को देखने के लिए 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के पूर्वी शहर कोलकाता जाना पड़ा। 23 अप्रैल को रात 11:59 बजे कोलकाता से अंतिम उड़ान के साथ, अमिताभ वापस आने में असमर्थ थे। इसके बाद उन्होंने और उनकी पत्नी ने आवश्यक आरटी-पीसीआर परीक्षणों से गुजरने के बाद 18 जून को नई दिल्ली से ताशकंद की यात्रा की। लेकिन उज़्बेकिस्तान ने नए डेल्टा संस्करण के कारण यात्रा प्रतिबंधों की घोषणा के साथ, 17 जून से उड़ानें रद्द कर दी गईं। जिसकेबाद अब वो दूसरे देश में फंसे हुए हैं।

वहीं दूसरे जॉर्ज नाम के प्रवासी, 11 अप्रैल को एक महीने की छुट्टी पर केरल के तिरुवनंतपुरम गए थे। अब, वह – कई अन्य लोगों की तरह संघर्ष कर रहे हैं। जॉर्ज ने कहा कि “जैसा कि आप सभी जानते हैं, अगर हम काम नहीं कर रहे हैं तो हमें भुगतान नहीं किया जाता है फिर भी हमें फ्लैट, बिजली, पानी, गैस सेवा शुल्क, इंटरनेट और टेलीफोन का किराया देना पड़ता है, भले ही हम यहां फंसे हों।

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इसी के साथ 11 साल से यूएई के रहने वाले सिद्धार्थ अप्रैल में अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए भारत आए थे। उसकी पत्नी और बेटा उसके घर पर कुछ समय बिताने के लिए उससे पहले यात्रा कर चुके थे। सिद्धार्थ ने लिखा, ‘हम भारत में फंस गए हैं और हमारी नौकरी और जिंदगी दांव पर लग गई है।

आपको बता दें, इस कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर के देशों में अभी तक 19 लाख से ज्यादा लोगों की मौ’त हो चुकी है साथ ही 40 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वायरस के कारण ये यात्रा प्रतिबंध लगाया गया था।