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कुवैत में 31 देशों से आने वाले यात्रियों पर बैन से डगमगाई शिक्षा की नींव, बनता जा रहा दुःख का सबब

कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कुवैत सरकार ने अपने देश में 31 देशों से आने वाले यात्रियों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। 31 देशों से आने वाले इन पैसेंजर्स पर लगे बैन के कारण अब कुवैत की शिक्षा की नींव डगमगा सी गई है, क्योंकि इस बैन के कारण कई सारे टीचर्स कुवैत जा ही नहीं पा रहे है। जिसकी वजह से अब कुवैत के शिक्षा मंत्रालय के सामने एक नई समस्या खड़ी होती जा रही है। कुवैत की हेल्थ मिनिस्ट्री बकरीद की छुट्टी के तुरंत बाद टीचर्स को इस फैसले से छूट देने पर विचार विमर्श करने वाली है।

हाल ही में खबरों से मालूम चला है कि कुवैत के स्कूल में टीचर्स की काफी कमी आ गई है। इस सामूहिक मुद्दे से अगले session की शुरुआत पर negative प्र’भाव पड़ेंगे।

कुवैत में 31 देशों से आने वाले यात्रियों पर बैन से डगमगाई शिक्षा की नींव, बनता जा रहा दुःख का सबब

बता दें कि भले ही ऑनलाइन एजूकेशन लागू क्यों ना हो गई हो, लेकिन एजुकेशन सॉर्स ने एडवाइज दिया है कि हैल्थ मिनिस्ट्री से गुजारिश की जाती है कि वो देश में जैसे मेडिकल स्टाफ को सभी प्रतिबंध से छूट दी है, ठीक उसी तरह ही स्कूल के टीचर्स को देश में लगे प्रतिबंध से छूट दी जाए।

वहीं दूसरी तरफ कुवैत के टीचर्स सोसाइटी के प्रेजिडेंट मुटी अल आजमी ने 31 देशों के पैसेंजर्स की एंट्री पर बैन लगाने के फैसले से प्रवासी टीचर्स को छूट देने की मांग की है। अल आजमी ने एजुकेशन मिनिस्ट्री से कुवैत वापस आने वाले विदेश फंसे टीचर्स के लिए रिएक्शन को सुविधाजनक बनाने पर जरूरी स्टेप उठाने के लिए आग्रह किया है। स्पेशली सभी टीचर्स लेवल पर कर्मचारियों के काम के घंटे की शुरूआत के लिए डेट डिसाइड करने की भी बात कही गई है। बता दें कि कुवैत में इस कोरोना वायरस की वजह से हालात काफी अच्छे नहीं है।