शनिवार को बिग टिकट अबू धाबी रफ़ल ड्रॉ के इनाम की घोषणा हुई है और इस बार का इनाम अल ऐन में गैराज चलाने वाले Shahed Ahmed Moulvifaiz ने जीता है और उन्हें 10 मिलियन दिरहम का इनाम जीता है, जबकि बहरीन के एक भारतीय प्रवासी रमन नांबियार मोहन ने 5 मिलियन दिरहम का इनाम दिया, जो अब तक का सबसे बड़ा दूसरा पुरस्कार है।
जानकारी के अनुसार, Shahed Ahmed Moulvifaiz ने 26 मार्च को खरीदे गए अपने टिकट नंबर 008335 से जीत हासिल करी है वहीं इस इनाम को जीतने के बाद मौलविफ़िज़ ने अपना काम नहीं छोड़ा और जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, ग्राहकों के साथ काम करते रहे। वही इस जीत को लेकर उन्होंने कहा कि, “हां, मैंने Dh10 मिलियन जीते हैं। यह अल्लाह की तरफ से एक तोहफा है। क्षमा करें, मैं थोड़ा व्यस्त हूं। मुझे अब भी ग्राहकों का सेवा करना है।
वहीं मौलविफ़िज़ ने ये भी बताया कि वो बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगाँव से एक 15 वर्षीय किशोर के रूप में देश में आए था और तमाम दिक्कतों के बाद आखिरकार अल ऐन में अपना गैरेज खोल पाया। वहीं उन्होंने ये भी बताया कि “मैं यहाँ लगभग 40 वर्षों से हूँ और अल ऐन में अपना गैरेज चला रहा हूँ। यह बहुत मेहनत का काम है।”
इसी के साथ मौलविफ़िज़ ने ये भी बताया कि वो तीन दशकों से अधिक समय से लॉटरी टिकट खरीदने के लिए अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। वास्तव में, वह उस समय से टिकट खरीद रहे है जब बिग टिकट 1992 में लॉन्च किया गया था और ये अबू धाबी ड्यूटी फ्री रफ़ल के रूप में जाना जाता था – जो उसे प्रसिद्ध ड्रॉ के सबसे पुराने ग्राहकों में से एक बनाता है।
“मैं पिछले 35 वर्षों से टिकट खरीद रहा हूं। यह पहली बार है जब मैं जीता हूं। मैंने खुद यह टिकट खरीदा है और इसे किसी के साथ साझा नहीं करूंगा। मौलविफ़िज़ के चिटगाँव में तीन बेटे और एक बेटी है। वहीं उन्होंने बताया कि “मेरी बेटी की शादी हो चुकी है। मेरा सबसे छोटा बेटा 15 साल का है और अभी भी स्कूल में है। मेरे अन्य दो बेटों ने पढ़ाई पूरी कर ली है। अब, मैं उनके भविष्य को सुरक्षित करने की कोशिश करूंगा।
इसी के साथ उन्होंने बताया कि “मैं यूएई में निवेश करूंगा। मैं अब अपने जीवन को बेहतर बनाऊंगा। और मैं अपने परिवार को यहां लाऊंगा, “क्षमा करें, मेरे पास ग्राहक हैं। काम महत्वपूर्ण है, ”