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कुवैत में लागू हुआ नया श्रम कानून, अब कामगारों की सैरेली में कटौती कर सकती है कंपनियां

New Delhi: कोरोना वायरस की वजह से इन दिनों दुनिया के कई देश वायरस हैल्थ संकट के साथ साथ इकोनॉमी संकट की मार भी झेल रहे हैं। इन्ही देशों की लिस्ट में शामिल हैं कुवैत भी। हाल ही में कुवैत सरकार ने अपनी बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए एक बहुत ही बड़ा फैसला लिया है।

बता दें कि कुवैत सरकार ने अपने देश में एक नया लैबर लॉ यानी श्रम कानून लागू किया है। जिसके तहत प्राइवेट कंपनियां के पास अपने कामगार की सैलेरी में कटौती करना का पूरा पावर रहेगा। कुवैत सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में हुई मिटिंग में प्राइवेट सेक्टर के अंदर इस नए श्रम कानून के सिद्धांत को मंजूरी दे दी है। इस कानून के तहत मालिक और इम्प्लोई दोनों आपसी समझौते के साथ सैलेरी में कंटौती करवा सकते है।

कुवैत में लागू हुआ नया श्रम कानून, अब कामगारों की सैरेली में कटौती कर सकती है कंपनियां

हालांकि कुछ सांसदों ने सरकार के इस नए नियम के अलौचना करते हुए इस नियम को बदलने की मांग कर रहे है। कुवैत सांसद अब्दुलवाब अल – बब्तेन, यूसेफ अल- फदलह और नारस अल- दोसारी समेत कई और सांसद हैं जिन्होंने इस नए श्रम कानून की अलौचना करते हुए कहा हैं कि वो लोग प्राइवेट सेक्यर में काम करने वाले कुवैती नागरिको की सैलेरी को कम करने वाले इस नए कानून की कड़ाई से निंदा और विरोध करते है। इस नए कानून के तहत कंपनियां अपने इम्प्लोई की सैलेरी बिना उसकी सहमति के कम नहीं कर सकती है। इसे देखते हुए कंपनियों के पास बस एकमात्र रास्ता हैं कि अपने वर्कर्स को काम में निकाल दे, फिर से नए इंप्लोइ को नई सैलेरी के साथ हायर करें।

कुवैत की कुछ बड़ी कंपनियों ने को अपने यहां काम करने वाले कई लोगों के काम से निकाल दिया है। वहीं कुछ लोगों को बिना पैसे दिए छुट्टी दे दी हैं या फिर ईयरली लीव जल्दी लेने के लिए मजबूर कर दिया है। वहीं नेशनल असेंबली के अध्यक्ष मारजुक अल घनम ने कल कहा था कि विधानसभा 12 मई को एक और सत्र आयोजित करेंगी। जिसमें कोरोना वायरस से जुड़े कई मुद्दों पर खुल की बात की जाएगी।