पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के कम होते केसों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही भारत और दुबई के बीच उड़ानों की टिकटों की दरों में कमी की जा सकती है।
अब नई दिल्ली से दुबई के लिए और उड़ानों को भी मंजूरी प्रदान कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत दुबई उड़ानों में इजाफे की मंजूरी मिलने के बाद एयर बबल एग्रीमेंट के अंतर्गत 33,600 सीट प्रति सप्ताह 62 हजार से ज्यादा (प्री कोविड स्तर) है। मगर रेगुलर फ्लाइटों को दोबारा शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी मंत्रालय से नहीं प्रदान की गई है।
फ्लाइटों की संख्या में इजाफा होने की है उम्मीद
केंद्र सरकार द्वारा रेगुलर इंटरनेशनल फ्लाइटों को दोबारा शुरू करने की योजना से पहले बबल व्यवस्था के अंतर्गत फ्लाइटों की संख्या बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार मार्च महीने के आखिरी से इंटरनेशनल फ्लाइटों को दोबारा शुरू करने की पहल करने जा रही है।
पैसेंजर को मिलेगा लाभ
एक समाचार पत्र ने एयरलाइंस के सूत्रों के हवाले से लिखा, दोनों देशों के बीच उड़ानों पर औसत भार 85 फीसदी है। ज्यादा उड़ानों का संचालन करना एक अच्छा विचार होगा। इससे भारतीय और दुबई स्थित वाहक दोनों को लाभ मिलेगा। सबसे बड़ा लाभ यात्रियों को होगा। कम किराए की वजह से उन्हें फायदा पहुंचेगा।’
फ्लाइटों की संख्या बढ़ाने का किया आग्रह
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि दुबई में अगस्त और दिसंबर महीने में बबल व्यवस्था के अंतर्गत फ्लाइटों की संख्या में वृद्धि के लिए अनुरोध किया है।
सूत्रों की माने तो दुबई द्वारा किए गए इस अनुरोध का कारण गिनाते हुए कहा कि दुबई ने फ्लाइटों की संख्या को लिमिटेड रखने का डिसीजन लिया था। मगर जैसे-जैसे यातायात बढ़ता गया एयरलाइंस ने शारजाह के लिए फ्लाइटों को जोड़ना शुरु कर। वहां पर कोई प्रतिबंध नहीं। शारजाह एयरपोर्ट पर एक समय में दुबई से 20% ज्यादा फ्लाइ टें संचालित कर रहा था। ऐसे में बबल व्यवस्था के अंतर्गत फ्लाइटों की सीमा को कोरोनावायरस से पहले के स्तर तक बढ़ाने का आग्रह किया गया था।