बीते कुछ समय से Gold की कीमतें लगातार गिर रही हैं और इस समय सोना 999 शुद्धता वाला दस ग्राम सोना 51167 पर है। वहीं कहा जा रहा है कि सोने की कीमतें आने वाले समय में इसमें और भी गिरावट दर्ज की जा सकती है, हालांकि सोने के दाम में गिरावट के बावजूद आपने खरीदारी के वक्त यह जरूर देखा होगा कि Gold से बनी ज्वैलरी आमतौर पर महंगी हो जाती है।
जानकारी के अनुसार, ज्वैलर्स Gold ज्वैलरी बनाने के बाद कस्टमर्स से मनचाहा चार्ज मेकिंग चार्ज वसूलते हैं। वहीं मेकिंग चार्ज कितना होगा ये ज्वैलरी और ज्वैलर्स पर निर्भर करता है। जिस क्वालिटी और ग्राम की ज्वैलरी होगी उसके मुताबिक ज्वैलर मनमाने ढंग से आपके चार्ज वसूलते हैं।
बड़े ज्वैलर्स के यहां मेकिंग चार्ज छोटे के मुकाबले ज्यादा होता है। मेकिंग चार्ज इस बात पर निर्भर करता है कि ज्वैलरी कैसी बन रही है। ज्वैलरी में चैन रिंग बैंगल्स और हैवी नेकलेस आदि होते हैं। इन पर औसतन 3800 रु प्रति 10 ग्राम से मेकिंग चार्ज वसूला जाता है। ज्वैलर्स लेबर, वेस्टेज और बनाने में कितने दिन का समय लगा इन सब को जोड़कर मेकिंग चार्ज वसूलते हैं।
वहीं चांदी का कारोबार करने वाले एक ज्वैलर के मुताबिक, मेकिंग चार्ज न्यूनतम 5 फीसदी से लेकर अधिकतम 25-30 फीसदी तक जाता है। वहीं, जब सोने की ज्वेलरी घट जाती है तब छोटे ज्वैलर्स अपने मार्जिन को तो कम करते हैं, लेकिन मेकिंग चार्ज पर किसी तरह की कोई छूट नहीं दी जाती।
मार्केट में दो प्रकार की ज्वेलरी मिलती है। पहली बीआईएस अप्रूव्ड, इसमें मेकिंग चार्जेस लगभग 600 रुपए प्रति ग्राम है और दूसरी नॉन बीआईएस अप्रूव्ड जिसमें मेकिंग चार्जेस 120 से 200 रुपए प्रति ग्राम है। इस समय 50,338 का 10 ग्राम गोल्ड अगर आपने बीआईएस अप्रूव्ड लिया तो वह मेकिंग चार्ज के साथ लगभग 56,338 रुपए का आपको पड़ेगा। वहीं, बिना अप्रूव्ड वाला लगभग 52,000 में 10 ग्राम मिल सकता है।
आपको बता दें, मेकिंग चार्ज की शुरुआत 2005-06 में हुई थी, जब Gold की कीमत पहली बार 9,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंची थी। तभी से ज्वैलर्स ने मनमाने ढंग से मेकिंग चार्ज भी वसूलना शुरू कर दिया था। तब से अब तक ये सिलसिला चला आ रहा है। जबकि मेकिंग चार्ज को लेकर कोई नियम नहीं है।