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श्रीनगर के लिए सीधे फ्लाइट चाहते हैं यूएई में फंसे 500 कश्मीरी, सरकार से की अपील

New Delhi: इन दिनों वंदे भारत मिशन के तहत दूसरे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को सरकार वापस स्वदेश ला रही है। अकेले UEA में 2 लाख से ज्यादा भारतीय नागरिक फंसे हुए है। हाल ही में खबर मिली हैं कि संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE में 500 से ज्यादा संकटग्रस्त कश्मीरियों का एक बड़ा ग्रुप ने भारत सरकार से एक खास अपील की है। जिसमें इन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय और UAE में भारतीय मिशनों के से गुजारिश की हैं कि वो लोग इन कश्मीरियों के लिए UAE से श्रीनगर के लिए सीधी या कनेक्टिंग फ्लाइट्स की व्यवस्था करें।

इस समय में मुश्किल में फंसे इन कश्मीरियों को भारतीय मिशन के तहत अनिवार्य रूप से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना होगा, जिसके लिए इन्हें नई दिल्ली या अमृतसर जाना पड़ेगा। हालांकि इस समुदाय के प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे ग्रुप में गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग व्यक्ति और ऐसे लोग शामिल हैं, जिनके पास नौकरी नहीं है या उन्हें काम से निकाल दिया गया है। ऐसे में ये लोग दिल्ली या अमृतसर में अपने क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए भुगतान नहीं कर सकते है। UAE में रहने वाले ज्यादातर कश्मीरी एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल है। ये UAE में कई गंभीर संकटों से गुजर रहे हैं क्योंकि उनके पास मेडिकल बीमा नहीं है।

श्रीनगर के लिए सीधे फ्लाइट चाहते हैं यूएई में फंसे 500 कश्मीरी, सरकार से की अपील

वंदे भारत मिशन की वेबसाइट पर पंजीकरण के बाद कई को कॉमर्स एम्बीसी से जवाब मिला कि सभी कश्मीरी नागरिक दिल्ली या अमृतसर के लिए उड़ान भर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और वृद्ध व्यक्तियों का कहना है कि वो इन शहरों में क्वारंटाइन सुविधाओं के बारे में आश्वस्त नहीं हैं। हालांकि खलीज टाइम्स के साथ एक पुराने इंटरव्यू में भारत के काउंसलेट जरनल विपुल ने कहा कि भारतीय अलटर्नेशन के अगले चरण में और अधिक फ्लाइट जोड़ने की योजना बनाई गई है। भारत राज्य सरकारों के परामर्श से लेने के बाद ही फ्लाइट्स की संख्या तय करेंगी।”

28 साल के जुनैद अकीब वानी दुबई के रहने वाले हैं साथ ही एक कश्मीर व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन भी है। जुनैद ने कहा कि “कुछ लोग UAE में अपने घर का किराया नहीं दे पाए तो उन्हें घर से निकाला जा रहा है। इसमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। ये कश्मीरी लोग दिल्ली या अमृतसर में क्वारंटाइन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं। हम 14 दिन के संगरोध के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, संगरोध खत्म होते ही हम क्या करने वाले हैं? क्या हम कश्मीर की यात्रा कर सकते हैं? क्या हमें एक बार और 14 दिनों के संगरोध से गुजरना पड़ता है? “