दुबई में नौकरी छोड़ भारतीय कामगार लौटे स्वदेश, आज नकटी नाला के मशरूम खेती कर संवारी जिंदगी

आपको आमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ का वो डायलॉग तो याद ही जिसमें आमिर खान अपनी बेटियों को कहते ‘जितनी इज्जत तुम माटी को दोगे…. उतनी ही इज्जत माटी तुमको देगी।’ कही ना कही ये बात बिल्कुल सही साबित हुई है तुलसीपुर के रहने वाले गुलाम मुस्तफा और सत्येंद्र चौहान की जिंदगी में। दरअसल गुलाम मुस्तफा और सत्येंद्र चौहान ने मिल कर आमिर खान के इस डायलॉग को सही कर दिखाया है।

जो युवा लोगों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन सामने आया है। अपनी जिंदगी एक-एक रूपए के मौहताज और तकलीफ झेल रहे सत्येंद्र चौहान अपना भविष्य सुधारने के लिए दुबई जा कर वहा मजदूरी करने लगे थे। लेकिन वहां उन्हें वो मजदूरी पसंद नहीं आई, जिसके बाद वो अपने देश भारत वापस आ गए है।

भारत वापस आ कर उन्होंने यहां पर मशरूम की खेती करना शुरू किया। जिससे आज वो हर महीने अपनी कमाई का दस गुना प्रोफिट कमा लेते है। इतना ही नहीं कभी दुबई में मजदूरी करने वाले सत्येंद्र अब अपने गांव और उसके आसपास के करीब दस लोगों को मजदूरी और रोजगार भी दे रहे है। अब तो आलम ये है कि दूर दूर के किसान सत्येंद्र से मशरूम की खेती का गुण सीखने उनके पास आते हैं।

दुबई से भारत वापस आने के बाद सत्येंद्र चौहान ने हरियाणा में काम किया। जहां उन्होंने मशरूम की खेती के बारे में सीखा और उससे होने वाले फायदा देखा। जिसके बाद उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करते हुए दोस्त गुलाम मुस्तफा के साथ मिलकर दो लाख रुपये लगाकर नकटी नाला के पास मशरूम की खेती करना शुरू कर दिया। पहली बार में ही उन्हें खेती से काफी अच्छा मुनाफा हुआ जिसके बाद उन्होंने अपने काम को बढ़ाया। इससे वहां के लोकल लोगों को नौकरी भी मिली, और आज दोनों के लाखों में खेल रहे है।