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दुबई में भारतीय कामगार की हुई मौ’त, जिस नंबर से परिजनों को मिली सूचना, अब वो हो गया स्वीच ऑफ

दुबई में रहकर काम करने वाले बिहार के भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के अभय यादव की मौ’त हो गई है। अभय की मौ’त की बारे में उनके परिजनों को सूचना उनके दोस्तों के माध्यम से मिली।

अभय के दोस्त ने उसके परिजनों को फोन पर इस दुखद घटना की जानकारी दी। बेटे की मौ’त के बाद अभय के परिजन काफी परेशान है और ट्वीट के जरिए विदेश मंत्री से बेटे के पार्थिव शरीर को दुबई से भारत लाने की मांग की है।

आपको बताते चलें कि अभय यादव के परिजन दुबई की उस कंपनी को लगातार फोन कॉल कर रहे हैं जहां पर अभय काम करता था। अभय के परिजनों की मानें तो अब कंपनी ने फोन ही उठाना बंद कर दिया है। बेटे को खो देने के बाद अब परिजन उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने की मांग कर रहे हैं।

कंट्रक्शन कंपनी में करता था काम

बिहार के पीरपैंती के मधुबन टोला के रहने वाले विंदेश्वरी यादव के 32 साल के पुत्र अभय यादव यूएई में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में चालक के पद पर कार्य करता था।

अभय की मृ’त्यु के बारे में जिस दोस्त ने परिवारीजन को सूचना दी थी अब वह नंबर बंद बता रहा है। मिली जानकारी के अनुसार अभय यादव की मृ’त्यु हृ’दयाघा’त से हुई है। इसके साथ ही अभय के दोस्त ने बताया कि कंपनी वाले उसके पार्थिव शरीर को वहीं पर द’फ’ना देने की बात कह रहे थे। जिसकी जानकारी उन्होंने परिजनों को उपलब्ध करा दी है।

जिस कंपनी में अभय यादव चालक के पद पर काम करते थे उस कंपनी की तरफ से परिवारीजनों को किसी भी तरीके का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।

अभय यादव के परिजनों ने विदेश मंत्री से की बेटे के पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने की मांग

अभय यादव के परिजन अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर शो’काकुल हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में परिजनों ने देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने बेटे को पार्थिव शरीर को भारत लाने की गुहार लगाई है। इसके अलावा परिजनों ने जिलाधिकारी के जरिए विदेश मंत्री से भी बेटे के पार्थिव शरीर को भारत लाने की मांग की है।

अभय के परिजनों ने विदेश मंत्री को ट्वीट करते हुए लिखा कि हम लोगों ने वहां की कंपनी के नंबर पर कई बार फोन किया। लेकिन वहां कंपनी की तरफ से फोन नहीं उठाया गया। पीड़ित परिवार मदद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। अभय के परिवारी जन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला अधिकारी और विदेश मंत्रालय सहित कई अन्य जगहों पर बेटे के पार्थिव शरीर को भारत लाने की गुहार लगा चुके हैं।