चीन से तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत ने एक घोषणा करी है और ये घोषणा आरटी-पीसीआर परीक्षण को अनिवार्य करने को लेकर है।
दरअसल, चीन में तेजी से कोरोना वायरस के कारण भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने घोषणा करी है कि पांच अंतरराष्ट्रीय जगहों से आने वाले हवाई यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण करवाना अनिवार्य है।
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इन 5 अंतरराष्ट्रीय जगहों से आने वाले यात्रियों के लिए जारी हुआ नियम
भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया जानकारी देते हुए कहा है कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड के हवाई यात्रियों का परीक्षण किया जाएगा।
#WATCH | Air Suvidha portal to be implemented for passengers arriving from China, Japan, South Korea, Hong Kong & Thailand, RT-PCR to be made mandatory for them. After arriving in India, if they test positive, they'll be quarantined: Union Health Min Dr Mandaviya pic.twitter.com/ST7ypqmy1V
— ANI (@ANI) December 24, 2022
यदि यात्री का परीक्षण पॉजिटिव आता है या कोविड -19 के लक्षण नजर आते हैं तो उसे क्वारंटाइन में रखा जाएगा। वहीं उपरोक्त जगहों से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति घोषित करने के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरना भी अनिवार्य होगा।
दुबई में महावाणिज्य दूतावास ने भी दी सलाह
जानकारी के अनुसार, भारत ने शनिवार को देश में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए अद्यतन कोविड -19 दिशानिर्देश जारी किए।
वहीं दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने भी सलाह साझा करने के लिए शुक्रवार को ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि देश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है, “दुनिया भर के कुछ देशों में कोविड-19 मामलों के बढ़ते केस” के कारण में नए दिशानिर्देशों को संशोधित किया जा रहा है।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को मिलेगी छूट
वहीं ये भी जानकारी दी कि अपडेट प्रोटोकॉल के अनुसार, उड़ान के दो प्रतिशत यात्री आगमन पर कोविड-19 के लिए यादृच्छिक परीक्षण से गुजरेंगे। इसके अतिरिक्त, यात्रा के दौरान कोविड-19 के लक्षण वाले यात्रियों को मानक प्रोटोकॉल के अनुसार अलग रखा जाएगा।
वहीं मंत्रालय ने कहा कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन के बाद यादृच्छिक परीक्षण से छूट दी गई है। हालांकि, आगमन पर या स्व-निगरानी अवधि के दौरान यदि कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण और उपचार से गुजरना होगा।
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