भारत में Gold की खरीदारी तकरीबन पूरे साल चलती रहती है। कभी शादी विवाह तो कभी त्योहारी सीजन में सोने की बिक्री जमकर होती है। ग्राहकों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह होती है कि सोने की शुद्धता कैसे परखी जाए। कहीं पैसे पूरे देकर भी नकली सोना न खरीद लें।
मगर आपकी इन सब चिंताओं पर अब विराम लगने वाला है क्योंकि सरकार ने इसे रोकने के लिए बड़े तैयारी कर ली है। साल 2022 में ग्राहकों को शुद्ध Gold मिल सके इसके लिए सरकार पूरी तरीके से तत्पर है। इसी क्रम में साल 2022 में Gold बेचने और खरीदने का नियम भी चेंज हो जाएगा। साल 2022 में कोई भी ग्राहक बगैर हाल मार्क वाला गोल्ड नहीं खरीद सकता है। इसके अलावा ज्वेलर्स बीआईएस हॉलमार्क वाला Gold भी बेच नहीं सकेंगे।
यह नए नियम होंगे लागू
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक साल 2022 से देश भर में Gold की हाल मार्किंग को अनिवार्य बनाया जाएगा। अभी मौजूदा समय में देश के तकरीबन 256 जिलों में Gold ज्वेलरी पर अनिवार्य हॉल मार्किंग लागू होता है। इसके बाद अब साल 2022 में सरकार पूरे देश में इसका विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है।
आपको बता दें कि हॉल मार्क एक गुणवत्ता प्रमाण पत्र है। जो आपको गोल्ड की प्योरिटी की गारंटी देता है। 23 जून साल 2021 को इसे देश भर के 256 जिलों में लागू किया गया था। इन 256 जिलों में से हर जिले में लगभग एक हॉलमार्किंग केंद्र जरूर है। मगर आप साल 2022 में सरकार इस योजना का विस्तार कर रही है। इसी साल से देशभर में गोल्ड पर हॉल मार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी।
जानिए हॉलमार्क के बारे में
गौरतलब है कि Gold हॉल मार्किंग एक यूनिक आईडी होती है। जिस भी गोल्ड पर हॉलमार्क का निशान होता है। तो समझिए कि वह सोना पूरी तरह से शुद्ध है। गोल्ड हॉलमार्क एक नंबर होता है। इसे BiS निशान वाली ज्वेलरी को यूनिक आईडी नंबर दिया जाता है।
आभूषण में Gold की मात्रा के मुताबिक उसे कैरेट की रैंकिंग दी जाती है। 24 कैरेट से लेकर 14 कैरेट तक गोल्ड की मात्रा के मुताबिक उसे अलग-अलग कैटेगरी में भारतीय जाता है। हॉल मार्किंग के जरिए सोने की शुद्धता के अलावा इस बात की भी पुष्टि करने में आसानी होती है कि गोल्ड कब और कहां पर बिका। गौर करने वाली बात है कि भारत दुनिया भर में सोने का सबसे बड़ा आयात करने वाला देश है।