भारत सरकार ने अर्न्तराष्ट्रीय उड़ानों (International Flights) से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के चलते शेड्यूल इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट पर 31 जनवरी तक रोक बढ़ा दिया है। इस बात की जानकारी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की तरफ से शेयर की गई है।
जानिए किन उड़ानों को मिलेगी छूट
— DGCA (@DGCAIndia) December 9, 2021
मिली जानकारी के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, यह रोक सिर्फ निर्धारित पैसेंजर्स फ्लाइट पर होगी, इससे अंतरराष्ट्रीय कार्गो उड़ानें प्रभावित नहीं होंगी। इसके साथ ही जिन रूट्स पर फ्लाइट को DGCA की मंजूरी मिली हुई है, उनपर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही साथ जिन रूट्स पर मंजूरी के बाद कुछ चुनिंदा फ्लाइट चल रही हैं, उनको भी जारी रखा जाएगा।
कुछ और रूट पर दी जा सकती है मंजूरी
डीजीसीए की तरफ से कहा गया है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए 26 नवंबर 2021 को जारी सर्कुलर में कुछ बदलाव किया गया है। इसके तहत केस ऑन केस बेसिस पर चुनिंदा रूट के लिए शेडयूल्ड अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (International Flights) को मंजूरी दी जा सकती है, हालांकि सभी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को भेजे गए इस आदेश का सख्ती से पालन करने की बात कही है।
जारी रहेगा एयर बबल समझौता
जानकारी के लिए आपको बता दें, भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस सहित लगभग 27 देशों के साथ एयर बबल समझौते किए हैं। दो देशों के बीच एक एयर बबल पैक्ट के तहत, दो देशों की एयरलाइनों द्वारा उनके क्षेत्रों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें (International Flights) संचालित की जा सकती हैं।
कोरोना संकट बनी यात्रा प्रतिबंध की वजह
मालूम हो कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 23 मार्च को नियमित इंटरनेशनल कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट्स की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था, तब से लेकर अभी तक सरकार किसी भी तरह के जोखिम को टालने के लिए इन उड़ानों पर लगे प्रतिबंधों को टालते आ रही है, हालांकि एयर बबल और अन्य स्पेशल विमान के जरिए अर्न्तराष्ट्रीय उड़ानें जारी है।
गौरतलब है कि पिछले माह नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि 15 दिसंबर से अंतराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू हो जाएगा, हालांकि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॅान के आने के बाद इस फैसले को टाल दिया गया था और अब यह फैसला 31 जनवरी तक के लिए बढ़ चुका है।